Category Archives: आर्काइव

मज़दूर बिगुल – जून 2024

  • मज़दूरों-मेहनतकशों के लिए लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के मायने – भावी सम्भावनाएँ, भावी चुनौतियाँ और हमारे कार्यभार
  • लोकसभा चुनाव : बहुमत से पीछे रहने के बावजूद फ़ासीवादी भाजपा के  दाँत, नख और पंजे राज्यसत्ता में और अन्दर तक धँसे
  • जंगलों में आग की बढ़ती घटनाएँ – यह जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र कुदरत की चेतावनी है!
  • खाड़ी देशों में प्रवासी मज़दूरों के नारकीय हालात से उपजा एक और हादसा
  • पृथ्वी पर बढ़ती गर्मी और जलवायु परिवर्तन : पूँजीपतियों के मुनाफ़े की बलि चढ़ रही है हमारी धरती
  • मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (सातवीं किस्त)
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (दसवीं किश्त)
  • लोकसभा चुनावों में भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) के पाँच प्रत्याशियों का प्रदर्शन
  • बर्बरता की सारी हदों को पार करने के बाद भी फ़िलिस्तीनी अवाम के मुक्तिस्वप्न को डिगा नहीं पाये हैं ज़ायनवादी हत्यारे!
  • लखनऊ के अकबरनगर में लिखा गया योगी सरकार के बुलडोज़री न्याय का एक और काला अध्याय
  • आज़ादी के 76 साल के बाद भी राजधानी के मेहनतकश पानी तक के लिए मोहताज
  • दिल्ली में सीवर लाइन बनाने वाले मज़दूरों के हालात
  • चीले  के  महाकवि  पाब्लो नेरूदा  की  कविता – मैं दण्ड की माँग करता हूँ
  • मज़दूर बिगुल – मई 2024

  • लोकसभा चुनाव में ईवीएम, केन्द्रीय चुनाव आयोग (केचुआ) और न्यायपालिका से सहयोग के भरोसे मोदी सरकार
  • सामाजिक-आर्थिक विषमता दूर करने के कांग्रेस के ढपोरशंखी वायदे और मोदी की बौखलाहट
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (नौवीं किश्त)
  • मई दिवस और मौजूदा दौर में मज़दूर वर्ग के समक्ष चुनौतियाँ
  • अ टेल ऑफ़ टू सिटीज़ (दो शहरों की कहानी): सूरत और इन्दौर की लोकसभा सीट जीतने के लिए भाजपा का षड्यंत्रकारी हथकण्डा
  • भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) द्वारा पाँच लोकसभा सीटों पर की जा रही रणकौशलात्मक भागीदारी की विस्तृत रिपोर्ट 
  • भगतसिंह जनअधिकार यात्रा के तहत ईवीएम के ख़िलाफ़ देशभर में अभियान!
  • चुनाव आते ही मोदी के साम्प्रदायिक बयानों, झूठों और ग़लतबयानियों की अन्धाधुन्ध बमबारी के मायने
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 20 : पूँजीवादी संचय का आम नियम
  • प्रज्वल रेवन्ना सेक्स काण्ड – “धर्मध्‍वजाधारी” और “संस्कारी” भाजपाइयों द्वारा बलात्कारियों को प्रश्रय और संरक्षण देने की मुहिम का हुआ पर्दाफा़श!
  • मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (छठी किस्त)
  • मज़दूर बिगुल – अप्रैल 2024

  • लोकसभा चुनाव 2024 – हमारी चुनौतियाँ, हमारे कार्यभार, हमारा कार्यक्रम
  • फ़ासिस्ट प्रोपेगैण्‍डा फैलाती दंगाई फ़िल्में
  • फ़िलिस्तीन मुक्ति संघर्ष और मध्य-पूर्व पर गहराते साम्राज्यवादी युद्ध के बादल
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 19 : पूँजी का संचय
  • फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में क्यों ‘इण्डिया’ गठबन्धन नहीं हो सकता  भाजपा का विकल्प?
  • क्या ईवीएम सचमुच अभेद्य है?
  • सशस्त्र बलों की नर्सरी ‘सैनिक स्कूलों’ के संचालन में भाजपा-आरएसएस से जुड़े लोगों की बढ़ती घुसपैठ के ख़तरनाक मायने!
  • करावल नगर (दिल्ली) के बादाम मज़दूरों की हड़ताल को मिली जीत!
  • मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार का बेशर्म ऐलान : बेरोज़गारी जैसी समस्याओं को हल करने की उम्मीद सरकार से न करें!
  • मज़दूर बिगुल – मार्च 2024

  • इलेक्टोरल बॉण्ड – पूँजीपतियों से चन्दे वसूलकर बदले में उन्हें लाखों करोड़ का मुनाफ़ा पहुँचाने का कुत्सित फ़ासीवादी षड्यंत्र
  • ईवीएम पर भरोसा क्यों नहीं किया जा सकता!
  • ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ का दूसरा चरण : समाहार रपट
  • केन्द्रीय एजेंसियाँ बनी भाजपा के हाथों की केन्द्रीय कठपुतलियाँ!
  • ऐतिहासिक अन्याय, विश्वासघात और षड्यंत्र के ख़िलाफ़ जारी है फ़िलिस्तीनी जनता का संघर्ष!
  • नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) को रद्द करो! इस जन विरोधी फ़ैसले को लागू करने के ख़िलाफ़ एक बार फिर जनता की लामबन्दी ज़रूरी!
  • उत्तराखण्ड समान नागरिकता क़ानून: अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाला और नागरिकों के निजी जीवन में राज्यसत्ता की दखलन्दाज़ी बढ़ाने वाला पितृसत्तात्मक फ़ासीवादी क़ानून
  • मज़दूर बिगुल – फरवरी 2024

    मज़दूर बिगुल – जनवरी 2024

  • राम मन्दिर के ज़रिये साम्प्रदायिक लहर पर सवार हो फिर सत्ता पाने की फ़िराक़ में मोदी सरकार
  • भीषण आर्थिक व राजनीतिक संकट से जूझता बंगलादेश लेकिन क्रान्तिकारी विकल्प की ग़ैर-मौजूदगी में शासक वर्ग का दबदबा क़ायम
  • राष्ट्रीय पेंशन योजना : कर्मचारियों के हक़ों पर मोदी सरकार का एक और हमला
  • कश्मीर के हालात और मोदी सरकार के दावों की सच्चाई
  • मोदी सरकार के दस साल और राज्यसत्ता का फ़ासीवादीकरण
  • भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद तथा भारतीय शासक वर्ग की राजनीतिक स्वतंत्रता का प्रश्न
  • आज़ादी की आदिम चाहत, अदम्य साहस और ज़िन्दगी की ललक का नाम है गाज़ा!
  • भगतसिंह जनअधिकार यात्रा (दूसरा चरण : 10 दिसम्बर से 3 मार्च) – एक संक्षिप्त रिपोर्ट
  • लेनिन – आर्थिक संघर्ष के पीछे राजनीतिक प्रचार कार्य को भुलाओ मत!
  • गुड़गाँव में किशोर घरेलू कामगार के साथ क्रूरता का एक और मामला
  • नयी आपराधिक प्रक्रिया संहिताएँ, जनता के दमन के नये औज़ार
  • पर्यावरणीय विनाश के लिए ज़िम्मेदार पूँजीपति वर्ग और उसकी मार झेलती मेहनतकश आबादी
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 17 : पूँजी का संचय
  • मज़दूर बिगुल – दिसम्बर 2023

  • चुनावों के रास्ते फ़ासीवाद की निर्णायक पराजय सम्भव नहीं – क्रान्तिकारी सर्वहारा वर्ग ही दे सकता है जनविरोधी फ़ासीवादी सत्ता को निर्णायक शिकस्त
  • हर मुक्तिकामी, न्यायप्रिय और प्यार से लबरेज़ दिल के अन्दर धड़कता है गाज़ा!
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 16 : मज़दूरी
  • गुड़गाँव से लेकर धारूहेड़ा तक की औद्योगिक पट्टी के मज़दूरों के जीवन और संघर्ष के हालात
  • सिलक्यारा सुरंग हादसा : मुनाफे की अँधी हवस की सुरंग
  • कश्मीर के भारतीय औपनिवेशिक क़ब्ज़े पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
  • भगतसिंह जनअधिकार यात्रा : फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ बुनियादी सवालों पर मेहनतकश जन समुदाय को जगाने और संगठित करने की मुहिम
  • मज़दूर बिगुल – अक्टूबर 2023

  • जनता के जनवादी अधिकारों पर आक्रामक होता फ़ासीवादी मोदी सरकार का हमला और इक्कीसवीं सदी में फ़ासीवाद के बारे में कुछ बातें
  • अगर न्याय नहीं है, तो शान्ति कैसे हो सकती है?
  • ब्रिक्स और जी-20 शिखर सम्मेलनों में साम्राज्यवाद के बदलते समीकरणों की अनुगूँजें
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (सातवीं क़िस्त)
  • “महँगाई-बेरोज़गारी भूल जाओ! पाकिस्तान को सबक सिखाओ!” गोदी मीडिया की गलाफाड़ू चीख-पुकार, यानी चुनाव नज़दीक आ गये हैं!
  • महिला आरक्षण बिल पर सर्वहारावर्गीय नज़रिया क्या हो?
  • गाज़ा पर इज़रायली सेटलर औपनिवेशिक घेरेबन्दी मुर्दाबाद! गाज़ा पर इज़रायली कब्ज़ा मुर्दाबाद! फ़िलिस्तीनी जनता का मुक्ति संघर्ष ज़िन्दाबाद!
  • निराशा, अवसाद और पस्तहिम्मती छात्रों को आत्महत्या  की तरफ धकेल रही है 
  • मज़दूर बिगुल – सितम्‍बर 2023

  • दंगे करने का अधिकार, माँग रहा है संघ परिवार! शामिल है मोदी सरकार!
  • अपराध-सम्बन्धी क़ानूनों में बदलाव के पीछे मोदी सरकार की असल मंशा क्या है?
  • कहानी – सुकून की तलाश में एक दिन / अन्वेषक
  • क्या है बजरंग दल और मज़दूरों को इससे क्यों सावधान रहना चाहिए?
  • मोदी सरकार के अमृतकाल में दलितों का बर्बर उत्पीड़न चरम पर
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षण माला – 14 : बेशी मूल्य का उत्पादन
  • भाजपा शासन में चुनाव पास आते ही सरहद पर घुसपैठ क्यों बढ़ जाती है?
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (छठी क़िस्त)
  • कांस्टेबल चेतन सिंह अकेला नहीं! देश भर में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाकर साम्प्रदायिक फ़ासीवादी ज़ॉम्बीज़ की फ़सल तैयार कर रहा है संघ परिवार
  • नूंह में हुई हिंसा की सच्चाई : एक जाँच रिपोर्ट