Category Archives: आर्काइव

मज़दूर बिगुल – नवम्‍बर 2024

  • महाराष्ट्र में भाजपा-नीत गठबन्धन की जीत और झारखण्ड में कांग्रेस-नीत इण्डिया गठबन्धन की जीत के मज़दूर वर्ग के लिए मायने
  • अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में धुर-दक्षिणपंथी डोनाल्ड ट्रम्प की अन्तरविरोधों से भरी जीत के राजनीतिक मायने
  • विश्व सर्वहारा के महान क्रान्तिकारी शिक्षक एंगेल्स के जन्मदिवस (28 नवम्बर) पर
  • उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के ख़िलाफ़ छात्रों के आन्दोलन से हम मजदूरों को क्या सीखना चाहिए?
  • अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार : पूँजीवाद के इतिहास से उपनिवेशवाद के ख़ूनी दाग़ साफ़ करने के प्रयासों का ईनाम
  • चुनावों में भाजपा के फ़र्ज़ी मुद्दों से सावधान!
  • महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबन्धन की भारी जीत! मज़दूर वर्ग की चुनौतियाँ बढ़ेंगी, ज़मीनी संघर्षों की तेज़ करनी होगी तैयारी!
  • कुसुमपुर पहाड़ी में मेहनतकशों-नौजवानों की जीवन स्थिति पर एक छात्र की चिट्ठी
  • एंगेल्स – मज़दूरी व्यवस्था
  • देशभर में साम्प्रदायिक उन्माद और नफ़रत का माहौल बनाने में जुटे संघ और भाजपा
  • अदालत ने भी माना : आँगनवाड़ीकर्मी हैं सरकारी कर्मचारी के दर्जे की हक़दार!
  • “हिन्दू जोड़ो यात्रा” के अगुवा बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के नाम एक सरोकारी हिन्दू का खुला पत्र
  • मज़दूर बिगुल – अक्‍टूबर 2024

  • चुनावी समीकरणों और जोड़-घटाव के बूते फ़ासीवाद को फ़ैसलाकुन शिक़स्त नहीं दी जा सकती है!
  • एक बार फिर न्यूनतम वेतन बढ़ाने के नाम पर नौटंकी करती सरकारें!
  • हिमाचल प्रदेश में संघी लंगूरों का उत्पात और कांग्रेस सरकार की किंकर्तव्यविमूढ़ता
  • शाखा में साख
  • मोहन भागवत की “हिन्दू” एकजुटता किसके लिए?
  • रतन टाटा : अच्छे पूँजीवाद का ‘पोस्टर बॉय’
  • काम के अत्यधिक दबाव और वर्कलोड से हो रही मौतें : ये निजी मुनाफ़े की हवस की पूर्ति के लिए व्यवस्थाजनित हत्याएँ हैं!
  • मारुति के मज़दूर एक बार फिर संघर्ष की राह पर!
  • वेतन बढ़ोत्तरी व यूनियन बनाने के अधिकार को लेकर सैम्संग कम्पनी के मज़दूरों की 37 दिन से चल रही हड़ताल समाप्त – एक और आन्दोलन संशोधनवाद की राजनीति की भेंट चढ़ा!
  • ‘हरियाणा विधानसभा चुनाव – 2024’ में भाजपा की जीत के मायने और मज़दूरों-मेहनतकशों के स्वतन्त्र राजनीतिक पक्ष की ज़रूरत
  • आख़िर कब तक उत्तर बिहार की जनता बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर रहेगी?
  • हैदराबाद में कांग्रेस सरकार द्वारा मूसी नदी और झीलों को बचाने के नाम पर ग़रीबों व मेहनतकशों के आशियानों और आजीवका पर ताबड़तोड़ हमला
  • कविता  की  ज़रूरत
  • अल सल्वाडोर के क्रान्तिकारी कवि रोखे दाल्तोन (1935 – 1975) की कुछ कविताएँ
  • मज़दूर बिगुल – सितम्‍बर 2024

  • मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के सौ दिन : गठबन्धन की तनी रस्सी पर फ़ासीवाद के नटनृत्य और जनता की जारी तबाही और बदहाली के सौ दिन
  • भगतसिंह को पूजो नहीं, उनके विचारों को जानो, उनकी राह पर चलने का संकल्प लो!
  • बढ़ते स्त्री विरोधी अपराध और प्रतिरोध का रास्ता
  • मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (नवीं किश्त)
  • केरल में भूस्खलन एवं असम और आन्ध्र-तेलंगाना में बाढ़ से भीषण तबाही
  • अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण में उप वर्गीकरण – मेहनतकशों को आपस में बाँटने का एक नया हथकण्डा !!
  • देश में बेतहाशा बढ़ती बेरोज़गारी
  • यूपीएस : एनडीए सरकार द्वारा कर्मचारियों के आन्दोलन को तोड़ने की साज़िशाना और धोखेबाज़ कोशिश
  • मज़दूर बिगुल – अगस्‍त 2024

  • मोदी-शाह की राजग गठबन्धन सरकार का पहला बजट – मेहनतकश-मज़दूरों के हितों पर हमले और पूँजीपतियों के हितों की हिमायत का दस्तावेज़
  • मोदी-शाह सरकार की नयी अपराध संहिताओं का फ़ासीवादी जनविरोधी चरित्र
  • काँवड़ यात्रियों के बहाने दुकानों पर नाम लिखने का योगी सरकार का हिटलरी फ़रमान
  • जलवायु परिवर्तन और ग़रीब मेहनतकश आबादी
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 22 : तथाकथित आदिम पूँजी संचय : पूँजीवादी उत्पादन के उद्भव की बुनियादी शर्त
  • मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (आठवीं किश्त)
  • पूँजीवाद आपके बेहतर जीवन के सपने को कैसे बर्बाद कर रहा है!
  • हिण्डेनबर्ग की दूसरी रिपोर्ट में सट्टा बाज़ार विनियामक सेबी कटघरे में – वित्तीय पूँजी की परजीवी दुनिया की ग़लाज़त की एक और सच्चाई उजागर
  • दिल्ली में निजी कोचिंग संस्थानों के मुनाफ़े की हवस ने ली छात्रों की जान
  • बढ़ते स्त्री-विरोधी अपराधों के पैदा होने की ज़मीन की शिनाख़्त करनी होगी!
  • बंगलादेश का जनउभार और मेहनतकशों की एक क्रान्तिकारी पार्टी की ज़रूरत
  • अडानी जी का मोदी जी से भ्रष्टाचार-विहीन प्रेम!
  • मज़दूर बिगुल – जुलाई 2024

  • मोदी सरकार की फ़ासीवादी श्रम संहिताओं के विरुद्ध तत्काल लम्बे संघर्ष की तैयारी करनी होगी
  • मोदी सरकार की तीसरी पारी की शुरुआत के साथ ही साम्प्रदायिक भीड़ द्वारा हत्या (मॉब–लिंचिंग) की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी
  • गिग व प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था के मज़दूरों के श्रम अधिकारों को छीनने के लिए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार लायी ख़तरनाक मसविदा क़ानून
  • काँवड़ यात्रियों के नाम पर योगी सरकार का एक और फ़ासिस्ट आदेश
  • विकास के खोखले दावों की पोल खोलते गिरते पुल, जलभराव, टूटी सड़कें!
  • एक धनपशु के बेटे की शादी का अश्लील तमाशा और देश के विकास की बुलन्द तस्वीर!
  • नशे में मदहोश अमीरजादों की चमचमाती गाड़ियों के चक्कों से पिसकर ख़ून से लथपथ होती आम ज़िन्दगी
  • एनटीए में पेपर लीक के लिए मोदी सरकार, प्रशासन और शिक्षा माफ़िया का नापाक गठजोड़ ज़िम्मेदार है
  • रेल व्यवस्था का ग़रीब विरोधी चरित्र! लगातार बढ़ते ट्रेन हादसे! ज़िम्मेदार मोदी सरकार!!
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 21 : पूँजीवादी संचय का आम नियम
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (ग्यारहवीं किश्त)
  • मज़दूर बिगुल – जून 2024

  • मज़दूरों-मेहनतकशों के लिए लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के मायने – भावी सम्भावनाएँ, भावी चुनौतियाँ और हमारे कार्यभार
  • लोकसभा चुनाव : बहुमत से पीछे रहने के बावजूद फ़ासीवादी भाजपा के  दाँत, नख और पंजे राज्यसत्ता में और अन्दर तक धँसे
  • जंगलों में आग की बढ़ती घटनाएँ – यह जलवायु परिवर्तन के मद्देनज़र कुदरत की चेतावनी है!
  • खाड़ी देशों में प्रवासी मज़दूरों के नारकीय हालात से उपजा एक और हादसा
  • पृथ्वी पर बढ़ती गर्मी और जलवायु परिवर्तन : पूँजीपतियों के मुनाफ़े की बलि चढ़ रही है हमारी धरती
  • मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (सातवीं किस्त)
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (दसवीं किश्त)
  • लोकसभा चुनावों में भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) के पाँच प्रत्याशियों का प्रदर्शन
  • बर्बरता की सारी हदों को पार करने के बाद भी फ़िलिस्तीनी अवाम के मुक्तिस्वप्न को डिगा नहीं पाये हैं ज़ायनवादी हत्यारे!
  • लखनऊ के अकबरनगर में लिखा गया योगी सरकार के बुलडोज़री न्याय का एक और काला अध्याय
  • आज़ादी के 76 साल के बाद भी राजधानी के मेहनतकश पानी तक के लिए मोहताज
  • दिल्ली में सीवर लाइन बनाने वाले मज़दूरों के हालात
  • चीले  के  महाकवि  पाब्लो नेरूदा  की  कविता – मैं दण्ड की माँग करता हूँ
  • मज़दूर बिगुल – मई 2024

  • लोकसभा चुनाव में ईवीएम, केन्द्रीय चुनाव आयोग (केचुआ) और न्यायपालिका से सहयोग के भरोसे मोदी सरकार
  • सामाजिक-आर्थिक विषमता दूर करने के कांग्रेस के ढपोरशंखी वायदे और मोदी की बौखलाहट
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (नौवीं किश्त)
  • मई दिवस और मौजूदा दौर में मज़दूर वर्ग के समक्ष चुनौतियाँ
  • अ टेल ऑफ़ टू सिटीज़ (दो शहरों की कहानी): सूरत और इन्दौर की लोकसभा सीट जीतने के लिए भाजपा का षड्यंत्रकारी हथकण्डा
  • भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) द्वारा पाँच लोकसभा सीटों पर की जा रही रणकौशलात्मक भागीदारी की विस्तृत रिपोर्ट 
  • भगतसिंह जनअधिकार यात्रा के तहत ईवीएम के ख़िलाफ़ देशभर में अभियान!
  • चुनाव आते ही मोदी के साम्प्रदायिक बयानों, झूठों और ग़लतबयानियों की अन्धाधुन्ध बमबारी के मायने
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 20 : पूँजीवादी संचय का आम नियम
  • प्रज्वल रेवन्ना सेक्स काण्ड – “धर्मध्‍वजाधारी” और “संस्कारी” भाजपाइयों द्वारा बलात्कारियों को प्रश्रय और संरक्षण देने की मुहिम का हुआ पर्दाफा़श!
  • मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (छठी किस्त)
  • मज़दूर बिगुल – अप्रैल 2024

  • लोकसभा चुनाव 2024 – हमारी चुनौतियाँ, हमारे कार्यभार, हमारा कार्यक्रम
  • फ़ासिस्ट प्रोपेगैण्‍डा फैलाती दंगाई फ़िल्में
  • फ़िलिस्तीन मुक्ति संघर्ष और मध्य-पूर्व पर गहराते साम्राज्यवादी युद्ध के बादल
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 19 : पूँजी का संचय
  • फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में क्यों ‘इण्डिया’ गठबन्धन नहीं हो सकता  भाजपा का विकल्प?
  • क्या ईवीएम सचमुच अभेद्य है?
  • सशस्त्र बलों की नर्सरी ‘सैनिक स्कूलों’ के संचालन में भाजपा-आरएसएस से जुड़े लोगों की बढ़ती घुसपैठ के ख़तरनाक मायने!
  • करावल नगर (दिल्ली) के बादाम मज़दूरों की हड़ताल को मिली जीत!
  • मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार का बेशर्म ऐलान : बेरोज़गारी जैसी समस्याओं को हल करने की उम्मीद सरकार से न करें!
  • मज़दूर बिगुल – मार्च 2024

  • इलेक्टोरल बॉण्ड – पूँजीपतियों से चन्दे वसूलकर बदले में उन्हें लाखों करोड़ का मुनाफ़ा पहुँचाने का कुत्सित फ़ासीवादी षड्यंत्र
  • ईवीएम पर भरोसा क्यों नहीं किया जा सकता!
  • ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ का दूसरा चरण : समाहार रपट
  • केन्द्रीय एजेंसियाँ बनी भाजपा के हाथों की केन्द्रीय कठपुतलियाँ!
  • ऐतिहासिक अन्याय, विश्वासघात और षड्यंत्र के ख़िलाफ़ जारी है फ़िलिस्तीनी जनता का संघर्ष!
  • नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) को रद्द करो! इस जन विरोधी फ़ैसले को लागू करने के ख़िलाफ़ एक बार फिर जनता की लामबन्दी ज़रूरी!
  • उत्तराखण्ड समान नागरिकता क़ानून: अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाला और नागरिकों के निजी जीवन में राज्यसत्ता की दखलन्दाज़ी बढ़ाने वाला पितृसत्तात्मक फ़ासीवादी क़ानून
  • मज़दूर बिगुल – फरवरी 2024