Category Archives: आर्काइव

मज़दूर बिगुल – जून 2023

  • कर्नाटक चुनावों के नतीजे, मोदी सरकार की बढ़ती अलोकप्रियता, फ़ासिस्टों की बढ़ती बेचैनी, साम्प्रदायिक उन्माद व अन्धराष्ट्रवादी लहर पैदा करने की बढ़ती साज़िशें और हमारे कार्यभार
  • ‘द केरला स्टोरी’: संघी प्रचार तन्त्र की झूठ-फ़ैक्ट्री से निकली एक और फ़िल्म
  • पुरोला की घटना और भाजपा के “लव जिहाद” की सच्चाई!
  • मणिपुर में जारी हिंसा : भारतीय राज्यसत्ता के राष्ट्रीय दमन और हिन्दुत्व फ़ासीवाद के नफ़रती प्रयोग की परिणति
  • उड़ीसा का ट्रेन हादसा : लोगों की जान से खेलती मोदी सरकार
  • मोनोपोली बनाम ‘बाकी सभी’! अपने वर्ग सहयोगवाद को जायज़ ठहराने के लिए “महासचिव” अजय सिन्हा की नयी “खोजें”!
  • ‘द गुजरात स्टोरी’ : भाजपा के शासन में गुजरात में 41 हज़ार महिलाएँ लापता!
  • धर्म के बाज़ार में एक और नया पाखण्डी – धीरेन्द्र शास्त्री
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 11 : स्वर्ण असमर्थित कागज़ी मुद्रा (फियेट मुद्रा) के विशिष्ट मार्क्सवादी नियम
  • मज़दूर बिगुल – मई 2023

    मज़दूर बिगुल – जनवरी 2023

  • नये साल में मज़दूर वर्ग के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? इन चुनौतियों का मुक़ाबला मज़दूर वर्ग कैसे कर सकता है?
  • गुजरात, हिमाचल विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उपचुनावों के नतीजे;
    चुनावी शिकस्त देकर फ़ासीवाद को हराने के मुंगेरी लालों के हसीन सपनों पर एक बार फिर पड़ा पानी!
  • हज़ारों मज़दूरों के ख़ून की क़ीमत पर मना फ़ुटबाल विश्व कप का जश्न
  • भारत-चीन सीमा पर मामूली झड़प और फ़ासीवादी प्रचारतंत्र को मिला अन्धराष्ट्रवादी उन्माद उभारने का मौक़ा
  • समान नागरिक संहिता पर मज़दूर वर्ग का नज़रिया क्या होना चाहिए?
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षण माला-8 : मार्क्स के आर्थिक चिन्तन के विकास के प्रमुख चरण
  • दिल्ली में फिर एक लड़की के साथ बर्बरता : न्याय व सम्मान के लिए संगठित होकर लड़ना होगा
  • ईरान में सत्ता-विरोधी जन आन्दोलन के तीन माह : संक्षिप्त रिपोर्ट
  • चीन की तानाशाह सत्ता के ख़िलाफ़ सड़कों पर उमड़ा जनाक्रोश
  • लगातार होती छँटनी और गहराता आर्थिक संकट
  • जीवन गाथा (कहानी)
  • मज़दूर बिगुल – दिसम्बर 2022

  • आम मेहनतकश जनता का ख़तरनाक और धोखेबाज़ दुश्मन है अरविन्द केजरीवाल और ‘आम आदमी पार्टी’
  • ईडब्ल्यूएस आरक्षण : मेहनतकश जनता को बाँटने की शासक वर्ग की एक और साज़िश
  • ‘सीओपी’ से यदि पर्यावरण विनाश रुकना है तब तो विनाश की ही सम्भावना अधिक है!
  • दुनिया की सबसे बड़ी तकलोलॉजी कम्पनियों में भारी छँटनी
  • ब्राज़ील में लूला के जीतने के निहितार्थ
  • दिल्ली एमसीडी चुनाव में मेहनतकश जनता के समक्ष विकल्प क्या है?
  • दिल्ली में नगर निगम चुनाव में ‘दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन’ द्वारा ‘आप’ और ‘भाजपा’ के ख़िलाफ़ व्यापक बहिष्कार अभियान!
  • मूल्य के श्रम सिद्धान्त का विकास: एडम स्मिथ, डेविड रिकार्डो और मार्क्स – 2 (डेविड रिकार्डो)
  • ‘आधुनिक रोम’ में ग़ुलामों की तरह खटते मज़दूर
  • सिडकुल, हरिद्वार के प्लास्टिक उत्पाद के उद्योग की एक फ़ैक्टरी की रिपोर्ट
  • सनबीम (गुड़गाँव) कम्पनी में ग़ैर-क़ानूनी बर्ख़ास्तगी, छँटनी, वेतन कटौती, ग़ैर-क़ानूनी ठेका प्रथा, श्रम क़ानूनों के उल्लंघन के ख़िलाफ़ संघर्ष की सम्भावनाएँ
  • फ़ॉक्सकॉन की फ़ैक्ट्री में मज़दूरों के आन्दोलन का दमन : संक्षिप्त रिपोर्ट
  • फ़ॉक्सकॅान के मज़दूर की कविताएँ
  • मज़दूर बिगुल – नवम्बर 2022 (विशेष अंक)

  • अक्टूबर क्रान्ति की स्मृति और विरासत का आज हम मज़दूरों-मेहनतकशों के लिए क्या अर्थ है?
  • इंग्लैण्ड का नया दक्षिणपन्थी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और बेगानी शादी में दीवाने देश-विदेश के भारतीय मूर्ख दक्षिणपन्थी अण्डभक्त
  • आज़ाद ज़िन्दगी के लिए ज़ालिम इस्लामी कट्टरपन्थी पूँजीवादी निज़ाम के ख़िलाफ़ ईरान की औरतों की बग़ावत
  • वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट-2022 : मोदी के “रामराज्य” में भूखा सोता हिन्दुस्तान
  • क्लासिकीय पेण्टिंग्स पर पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा हमला :
    सही सर्वहारा नज़रिया क्या हो?
  • गाम्बिया में कफ़ सिरप से 69 बच्चों की मौत; दवा सप्लाई करने वाली हत्यारी कम्पनी भारतीय है!
  • दिल्ली दंगों पर पूर्ववर्ती न्यायाधीशों की हालिया रिपोर्ट
  • जी.एन. साईबाबा मामले की रोशनी में भारतीय पूँजीवादी न्याय व्यवस्था का सच
  • यूएपीए – काला क़ानून और उसका काला इतिहास
  • मूल्य के श्रम सिद्धान्त का विकास : एडम स्मिथ, डेविड रिकार्डो और मार्क्स – 1
  • हरिद्वार स्थित सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में हर साल बढ़ती बेरोज़गारी; क्या कर रही है सरकार?
  • गुड़गाँव-मानेसर-धारूहेड़ा-बावल पट्टी में जारी मज़दूरों की छँटनी और बर्ख़ास्तगी का सिलसिला और मज़दूरों का प्रतिरोध : एक रिपोर्ट
  • मथुरा रिफ़ाइनरी के संविदा श्रमिक पिछले 1 सितम्बर से आन्दोलनरत हैं!
  • बढ़ती महँगाई के ख़िलाफ़ फ़्रांस की जनता उतरी सड़कों पर
  • ‘इण्टरनेशनल’ के रचयिता यूजीन पोतिए के 135वें स्मृति दिवस पर लेनिन का लेख
  • 25 अक्टूबर 1917 (प्रसिद्ध कविता ‘व्लादिमीर इलिच लेनिन’ का एक अंश)
  • लेनिन और सल्वादोर में क्रान्ति (कविता)
  • मज़दूर बिगुल – अक्टूबर 2022

    मज़दूर बिगुल – सितम्बर 2022

    मज़दूर बिगुल – अगस्त 2022