Table of Contents
अप्रैल 1996 से लेकर अब तक कई बार बिगुल के पन्नों पर मज़दूर आन्दोलन के बेहद जरूरी मुद्दों पर लम्बी व सार्थक बहसें चली हैं जिनसे बहुत सारे मज़दूर कार्यकर्ता शिक्षित प्रशिक्षित हुए हैं। यहां हम उन बहसों के लिंक दे रहे हैं। कुछ बहसें यूनिकोड में उपलब्ध नहीं हैं, उनके लिए सिर्फ उस अंक की पीडीएफ फाइल का लिंक दिया जा रहा है।
1. “एक क्रान्तिकारी मज़दूर अख़बार का स्वरूप और लक्ष्य क्या हो” – मज़दूर अख़बार के लक्ष्य और स्वरूप पर ‘बिगुल’ में चली बहसें
इस बहस के सभी लेखों को एक साथ पीडीएफ प्रारूप में पढने के लिए यहां क्लिक करें
(लेख पढ़ने के लिए शीर्षक पर क्लिक करें)
1. एक नये क्रान्तिकारी मज़दूर अख़बार की ज़रूरत विशेष सम्पादकीय (बिगुल प्रवेशांक, अप्रैल 1996)
3. इतने ही लाल… और इतने ही अन्तरराष्ट्रीय की आज ज़रूरत है (सम्पादक बिगुल का जवाब), (जुलाई-अगस्त 1996)
4. ‘बिगुल’ के लक्ष्य और स्वरूप पर एक बहस और हमारे विचार
5. मज़दूर अख़बार – किस मज़दूर के लिए? (लेनिन का लेख)
7. 1999 के भारत के ‘क्रीडो’ मतावलम्बी (जून-जुलाई 1999, सम्पादक, बिगुल का जवाब)
9. भारतीय मज़दूर आन्दोलन की पश्चगामी यात्रा के हिरावल ”सेनानी” (अगस्त 1999, अरविन्द सिंह का जवाब)
2. लाभकारी मूल्य, लागत मूल्य, मध्यम किसान और छोटे पैमाने के माल-उत्पादन के बारे में मार्क्सवादी दृष्टिकोण : एक बहस
इस बहस के सभी लेखों को एक साथ पीडीएफ प्रारूप में पढने के लिए यहां क्लिक करें
(लेख पढ़ने के लिए शीर्षक पर क्लिक करें)
क्या कर रहे हैं आजकल पंजाब के ‘कामरेड’? / सुखदेव
चीनी मिल-मालिकों की लूट से तबाह गन्ना किसान / एस. प्रताप
गन्ना किसानों के संकट के बारे में एस. प्रताप का दृष्टिकोण ग़लत है! / नीरज
पूँजीवादी खेती के संकट पर सही कम्युनिस्ट दृष्टिकोण का सवाल / बिगुल सम्पादक-मण्डल
छोटे-मँझोले किसानों को कम्युनिस्ट किन माँगों पर साथ लेंगे? / एक कार्यकर्ता
मँझोले किसानों के बारे में सर्वहारा दृष्टिकोण का सवाल – एक / एस. प्रताप
किसानी के सवाल को पेटी बुर्जुआ चश्मे से नहीं सर्वहारा के नज़रिये से देखिये जनाब! / सुखदेव
मँझोले किसानों के बारे में सर्वहारा दृष्टिकोण का सवाल – दो / एस. प्रताप
मध्यम किसान और लागत मूल्य का सवाल (बहस का सम्पादकीय समाहार)
कुतर्क, लीपापोती और अपने ही अन्तरविरोधों की नुमाइश की है एस. प्रताप ने / सुखदेव
सम्पादक-मण्डल छुप-छुपकर धो रहा है धनी किसानों के घर के पोतड़े / एस. प्रताप
मँझोले किसानों के बारे में सर्वहारा दृष्टिकोण का सवाल – तीन / एस. प्रताप
परिशिष्ट – एक
परिशिष्ट – दो
किसानों के बारे में कम्युनिस्ट दृष्टिकोण: कुछ महत्त्वपूर्ण पहलू