Category Archives: आर्काइव

मज़दूर बिगुल – अप्रैल 2021

  • पहली अप्रैल 2021 – देश के करोड़ों मज़दूरों के लिए एक काला दिन
  • खेतिहर मज़दूरों की बढ़ती आत्महत्याओं के लिए कौन ज़िम्मेदार है?
  • ओखला औद्योगिक क्षेत्र : एक रिपोर्ट
  • लॉकडाउन के बाद दिल्ली में मज़दूरों के हालात
  • कोरोना और इसके बाद पैदा किये गये हालात का मेहनतकश महिलाओं के जीवन पर असर
  • हरियाणा में भी बना नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का क़ानून
  • उत्तर प्रदेश में “विकास” और रोज़गार के योगी के दावे बनाम असलियत
  • सरकारी दावों की पोल खोलती शिक्षा बजट में भारी कटौती
  • योगीराज में उत्तर प्रदेश पुलिस की बेलगाम गुण्डागर्दी
  • भारत के मज़दूर आन्दोलन के मीरजाफ़र, जयचन्द और वि‍भीषण
  • म्यांमार में बर्बर दमन के बावजूद सैन्य तानाशाही के ख़ि‍लाफ़ उमड़ा जनसैलाब
  • मज़दूरों के क्रान्तिकारी अख़बार के बारे में लेनिन के विचार
  • क्रेमलिन में एक मुलाक़ात (लेनिन के संस्मरण)
  • मज़दूर बिगुल – मार्च 2021

  • सिकुड़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती असमानता
  • डीज़ल, पेट्रोल और गैस से मोदी सरकार ने की बेहिसाब कमाई
  • 200 मेहनतकशों की जान लेने वाली चमोली दुर्घटना सरकार और व्यवस्था की पैदाइश है!
  • सरकार के दावों की पोल खोलता मनरेगा का केन्द्रीय बजट
  • ओखला औद्योगिक क्षेत्र : मज़दूरों के काम और जीवन पर एक आरम्भिक रिपोर्ट
  • फ़ूड डिलीवरी कम्पनियों में कर्मचारियों के हालात
  • प्रवासी मज़दूरों के ख़ून से रंगा है क़तर में होने वाला अगला फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप
  • फ़ासीवादी सरकार द्वारा प्रायोजित दिल्ली दंगों का एक साल
  • मज़दूर आन्दोलन में नौसिखियापन और जुझारू अर्थवाद की प्रवृत्ति से लड़ना होगा
  • कौन हैं देविन्दर शर्मा और उनका “अर्थशास्त्र” और राजनीति किन वर्गों की सेवा करती है?
  • दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव में RWPI की भागीदारी
  • महान क्रान्तिकारी चिन्तक कार्ल मार्क्स के स्मृति दिवस के अवसर पर
  • भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के 90वें शहादत दिवस के अवसर पर
  • मज़दूर बिगुल – फ़रवरी 2021

    मज़दूर बिगुल – जनवरी 2021

    मज़दूर बिगुल – दिसम्बर 2020

    मज़दूर बिगुल – नवम्बर 2020

  • बिहार: चुनावी रणनीति तक सीमित रहकर फ़ासीवाद को हराया नहीं जा सकता!
  •  अब गुजरात मॉडल से भी बर्बर यूपी मॉडल खड़ा कर रहे योगी आदित्यनाथ
  • 7 नवम्बर – एक नयी ऐतिहासिक तारीख़
  • टीआरपी घोटाला: पूँजीवादी मीडिया का नंगा रूप
  • जनता की भुखमरी और बेरोज़गारी के बीच प्रधानमंत्री की अय्याशियाँ
  • हरियाणा सरकार का शिक्षा व इलाज के जनता के अधिकारों पर बड़ा हमला!
  • प्रधानमंत्री आवास योजना की असलियत : जुमले ले लो, थोक के भाव जुमले…
  • कल और आज / मक्सिम गोर्की
  • दो क़िस्से — कविता कृष्णपल्लवी
  • भारत-अमेरिका रक्षा समझौता देश की सम्प्रभुता और सामरिक आत्मनिर्णय से समझौता है!
  • वैश्विक भूख सूचकांक : भारत में भूख से जूझता मेहनतकश
  • कश्मीर में जारी दमन, फ़र्ज़ी मुक़दमे और भारतीय राजसत्ता द्वारा जनता पर कसता शिकंजा!
  • मज़दूर बिगुल – अप्रैल-सितम्बर 2020

    मज़दूर बिगुल – मार्च 2020

  • सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी जनान्दोलन को हिन्दुत्व फ़ासीवाद-विरोधी आन्दोलन की शक्ल दो!
  • कोरोना वायरस और भारत की बीमार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ
  • हमारे आन्‍दोलन को संविधान-रक्षा के नारे और स्‍वत:स्‍फूर्ततावाद से आगे, बहुत आगे, जाने की ज़रूरत क्‍यों है?
  • असम में समस्या प्रवासी नहीं, नफ़रत के बीज बोने वाले क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पूँजीपति वर्ग और उनकी पार्टियाँ हैं
  • जन सत्याग्रह पदयात्रा : जाति-धर्म पर बँटने के बजाय अवाम के बुनियादी मुद्दों पर एकजुट संघर्ष का पैग़ाम लेकर राजधानी में 300 किलोमीटर की यात्रा
  • सीएए-एनआरसी पर घर में मीटिंग कर रहे नौभास कार्यकर्ताओं को अँधेरगर्दी करते हुए जेल भेजा!
  • मेहनतकश अवाम के बजट पर डाका डालने वाला केन्द्रीय बजट
  • दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2020 में फिर से आम आदमी पार्टी की जीत के मायने : एक मज़दूर वर्गीय नज़रिया
  • बेतहाशा बढ़ती बेरोज़गारी और ढपोरशंखी सरकारी योजनाएँ
  • कश्मीर में 7 महीने से जारी पाबन्दियों‍ से जनजीवन तबाह
  • सावधान! राज्यसत्ता आपके जीवन के हर पहलू पर नज़र रख रही है!
  • लखनऊ में डिफ़ेंस एक्सपो : मुनाफ़े की हवस में युद्धोन्माद फैलाने का तामझाम
  • ट्रम्प की भारत यात्रा : “गुजरात मॉडल” की सच्चाई दीवारों के पीछे छिपाये न छिपेगी
  • ‘बच्चों का कारख़ाना’
  • मक्सिम गोर्की : एक सच्चे सर्वहारा लेखक
  • हबीब जालिब के जन्मदिवस (24 मार्च) पर उनकी दो नज़्में
  • मज़दूर बिगुल – फ़रवरी 2020

  • आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा जनउभार है सीएए-एनआरसी विरोधी आन्दोलन
  • सरकार की धोखेबाज़ी से सावधान! एनपीआर ही एनआरसी है! सिविल नाफ़रमानी की राह चलेंगे! एनपीआर फ़ॉर्म नहीं भरेंगे!
  • सीएए+एनपीआर+एनआरसी सभी के लिए क्यों ख़तरनाक हैं
  • असम में डिटेंशन कैम्प के भीतर क्या-क्या होता है
  • अपने लिए जेल ख़ुद बना रहे हैं असम में एनआरसी से बाहर हुए मज़दूर
  • एनआरसी लागू नहीं हुआ पर ग़रीबों पर उसकी मार पड़नी शुरू भी हो गयी!
  • संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ने के साथ-साथ संविधान के बारे में कुछ अहम सवाल
  • भाजपा शासन के आतंक को ध्‍वस्‍त कर दिया है औरतों के आन्‍दोलन ने!
  • राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की देशभक्ति का सच
  • बच्चों को ज़हरीले प्रचार के नशे में पागल हत्यारे बनाने का संघी प्रोजेक्ट
  • हँसी भी फ़ासीवाद-विरोधी संघर्ष का एक हथियार है!
  • सियाचिन में खड़े जवान भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बटोरने का साधन हैं!
  • ये झूठ है! झूठ है! झूठ है!
  • बेरोज़गारी का दानव लील रहा है युवा ज़ि‍न्दगि‍याँ
  • शिवम ऑटोटेक के मज़दूरों की जीत
  • मज़दूर बिगुल – जनवरी 2020

  • बग़ावत की चिंगारी सुलगा गया गुज़रा साल
  • जनता के मिज़ाज को भाँपने में फ़ासिस्ट सत्ता बुरी तरह नाकाम!
  • मुज़फ़्फ़रनगर और मेरठ में बर्बर पुलिस दमन की आँखों देखी रिपोर्ट
  • आज़ादी के बाद का सबसे बर्बर और साम्प्रदायिक देशव्यापी पुलिसिया दमन
  • इस झूठी सरकार और इसके परम झूठे प्रधानमंत्री पर लोग कैसे यक़ीन करें?
  • सीएए और एनआरसी क्या हैं और इनसे आप कैसे प्रभावित होंगे?
  • सीएए पर केन्द्र सरकार द्वारा जारी प्रश्नोत्तरी का नुक़्तेवार खण्डन
  • एनआरसी का आर्थिक पहलू
  • वर्ष 2019 : दुनियाभर में व्‍यवस्‍था-विरोधी व्‍यापक जनान्‍दोलनों का वर्ष
  • होण्डा, शिवम व अन्य कारख़ानों के संघर्ष को पूरी ऑटो पट्टी के साझा संघर्ष में तब्दील करना होगा
  • गुड़गाँव और आसपास की औद्योगिक पट्टी से मज़दूर संघर्षों की रिपोर्ट
  • दिल्ली के चुनावों में आम मेहनतकश जनता के सामने क्या विकल्प है?
  • रेलवे की बढ़ती बदहाली और निजीकरण के नये हथकण्डे
  • इधर ग़रीबों-मज़दूरों की थाली से रोटियाँ ग़ायब, उधर मोदी-गोदी मीडिया के नक़्शे से ग़रीबी ही ग़ायब!
  • “न्‍यू इण्डिया” में बच्चों का घिनौना कारोबार
  • फ़ैक्टरी-मज़दूरों की एकता, वर्ग-चेतना और संघर्ष का विकास – दूसरा भाग
  • नये साल पर मज़दूर साथियों के नाम ‘बिगुल’ का सन्देश
  • 2019 की कुछ यादगार तस्वीरें, नारे और कार्टून