Category Archives: आर्काइव

मज़दूर बिगुल – नवम्बर 2020

  • बिहार: चुनावी रणनीति तक सीमित रहकर फ़ासीवाद को हराया नहीं जा सकता!
  •  अब गुजरात मॉडल से भी बर्बर यूपी मॉडल खड़ा कर रहे योगी आदित्यनाथ
  • 7 नवम्बर – एक नयी ऐतिहासिक तारीख़
  • टीआरपी घोटाला: पूँजीवादी मीडिया का नंगा रूप
  • जनता की भुखमरी और बेरोज़गारी के बीच प्रधानमंत्री की अय्याशियाँ
  • हरियाणा सरकार का शिक्षा व इलाज के जनता के अधिकारों पर बड़ा हमला!
  • प्रधानमंत्री आवास योजना की असलियत : जुमले ले लो, थोक के भाव जुमले…
  • कल और आज / मक्सिम गोर्की
  • दो क़िस्से — कविता कृष्णपल्लवी
  • भारत-अमेरिका रक्षा समझौता देश की सम्प्रभुता और सामरिक आत्मनिर्णय से समझौता है!
  • वैश्विक भूख सूचकांक : भारत में भूख से जूझता मेहनतकश
  • कश्मीर में जारी दमन, फ़र्ज़ी मुक़दमे और भारतीय राजसत्ता द्वारा जनता पर कसता शिकंजा!
  • मज़दूर बिगुल – अप्रैल-सितम्बर 2020

    मज़दूर बिगुल – मार्च 2020

  • सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी जनान्दोलन को हिन्दुत्व फ़ासीवाद-विरोधी आन्दोलन की शक्ल दो!
  • कोरोना वायरस और भारत की बीमार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ
  • हमारे आन्‍दोलन को संविधान-रक्षा के नारे और स्‍वत:स्‍फूर्ततावाद से आगे, बहुत आगे, जाने की ज़रूरत क्‍यों है?
  • असम में समस्या प्रवासी नहीं, नफ़रत के बीज बोने वाले क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पूँजीपति वर्ग और उनकी पार्टियाँ हैं
  • जन सत्याग्रह पदयात्रा : जाति-धर्म पर बँटने के बजाय अवाम के बुनियादी मुद्दों पर एकजुट संघर्ष का पैग़ाम लेकर राजधानी में 300 किलोमीटर की यात्रा
  • सीएए-एनआरसी पर घर में मीटिंग कर रहे नौभास कार्यकर्ताओं को अँधेरगर्दी करते हुए जेल भेजा!
  • मेहनतकश अवाम के बजट पर डाका डालने वाला केन्द्रीय बजट
  • दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2020 में फिर से आम आदमी पार्टी की जीत के मायने : एक मज़दूर वर्गीय नज़रिया
  • बेतहाशा बढ़ती बेरोज़गारी और ढपोरशंखी सरकारी योजनाएँ
  • कश्मीर में 7 महीने से जारी पाबन्दियों‍ से जनजीवन तबाह
  • सावधान! राज्यसत्ता आपके जीवन के हर पहलू पर नज़र रख रही है!
  • लखनऊ में डिफ़ेंस एक्सपो : मुनाफ़े की हवस में युद्धोन्माद फैलाने का तामझाम
  • ट्रम्प की भारत यात्रा : “गुजरात मॉडल” की सच्चाई दीवारों के पीछे छिपाये न छिपेगी
  • ‘बच्चों का कारख़ाना’
  • मक्सिम गोर्की : एक सच्चे सर्वहारा लेखक
  • हबीब जालिब के जन्मदिवस (24 मार्च) पर उनकी दो नज़्में
  • मज़दूर बिगुल – फ़रवरी 2020

  • आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा जनउभार है सीएए-एनआरसी विरोधी आन्दोलन
  • सरकार की धोखेबाज़ी से सावधान! एनपीआर ही एनआरसी है! सिविल नाफ़रमानी की राह चलेंगे! एनपीआर फ़ॉर्म नहीं भरेंगे!
  • सीएए+एनपीआर+एनआरसी सभी के लिए क्यों ख़तरनाक हैं
  • असम में डिटेंशन कैम्प के भीतर क्या-क्या होता है
  • अपने लिए जेल ख़ुद बना रहे हैं असम में एनआरसी से बाहर हुए मज़दूर
  • एनआरसी लागू नहीं हुआ पर ग़रीबों पर उसकी मार पड़नी शुरू भी हो गयी!
  • संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ने के साथ-साथ संविधान के बारे में कुछ अहम सवाल
  • भाजपा शासन के आतंक को ध्‍वस्‍त कर दिया है औरतों के आन्‍दोलन ने!
  • राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की देशभक्ति का सच
  • बच्चों को ज़हरीले प्रचार के नशे में पागल हत्यारे बनाने का संघी प्रोजेक्ट
  • हँसी भी फ़ासीवाद-विरोधी संघर्ष का एक हथियार है!
  • सियाचिन में खड़े जवान भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बटोरने का साधन हैं!
  • ये झूठ है! झूठ है! झूठ है!
  • बेरोज़गारी का दानव लील रहा है युवा ज़ि‍न्दगि‍याँ
  • शिवम ऑटोटेक के मज़दूरों की जीत
  • मज़दूर बिगुल – जनवरी 2020

  • बग़ावत की चिंगारी सुलगा गया गुज़रा साल
  • जनता के मिज़ाज को भाँपने में फ़ासिस्ट सत्ता बुरी तरह नाकाम!
  • मुज़फ़्फ़रनगर और मेरठ में बर्बर पुलिस दमन की आँखों देखी रिपोर्ट
  • आज़ादी के बाद का सबसे बर्बर और साम्प्रदायिक देशव्यापी पुलिसिया दमन
  • इस झूठी सरकार और इसके परम झूठे प्रधानमंत्री पर लोग कैसे यक़ीन करें?
  • सीएए और एनआरसी क्या हैं और इनसे आप कैसे प्रभावित होंगे?
  • सीएए पर केन्द्र सरकार द्वारा जारी प्रश्नोत्तरी का नुक़्तेवार खण्डन
  • एनआरसी का आर्थिक पहलू
  • वर्ष 2019 : दुनियाभर में व्‍यवस्‍था-विरोधी व्‍यापक जनान्‍दोलनों का वर्ष
  • होण्डा, शिवम व अन्य कारख़ानों के संघर्ष को पूरी ऑटो पट्टी के साझा संघर्ष में तब्दील करना होगा
  • गुड़गाँव और आसपास की औद्योगिक पट्टी से मज़दूर संघर्षों की रिपोर्ट
  • दिल्ली के चुनावों में आम मेहनतकश जनता के सामने क्या विकल्प है?
  • रेलवे की बढ़ती बदहाली और निजीकरण के नये हथकण्डे
  • इधर ग़रीबों-मज़दूरों की थाली से रोटियाँ ग़ायब, उधर मोदी-गोदी मीडिया के नक़्शे से ग़रीबी ही ग़ायब!
  • “न्‍यू इण्डिया” में बच्चों का घिनौना कारोबार
  • फ़ैक्टरी-मज़दूरों की एकता, वर्ग-चेतना और संघर्ष का विकास – दूसरा भाग
  • नये साल पर मज़दूर साथियों के नाम ‘बिगुल’ का सन्देश
  • 2019 की कुछ यादगार तस्वीरें, नारे और कार्टून

  • मज़दूर बिगुल – दिसम्बर 2019

  • मेहनतकश साथियो! देश को आग और ख़ून के दलदल में धकेलने की फ़ासिस्ट साज़िश को नाकाम करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ो!
  • वर्ष 2019 : दुनियाभर में व्‍यवस्‍था-विरोधी व्‍यापक जनान्‍दोलनों का वर्ष; लेकिन क्‍या ये आन्‍दोलन व्‍यवस्‍था बदल सकेंगे?
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन क़ानून : भारत को हिटलरी युग में धकेलने का फ़ासिस्ट क़दम
  • भारत में विदेशी कौन माना जायेगा?
  • देशभर में होने जा रही 8 जनवरी की आम हड़ताल के प्रति हमारा नज़रिया क्या हो?
  • अनाज मण्डी अग्नि-काण्ड में 43 मज़दूरों की मौत! ये मुनाफ़े के लिए की गयी ठण्डी हत्याएँ हैं!
  • होण्डा मानेसर के ठेका मज़दूरों का संघर्ष जारी
  • ‘मैं बड़े ब्रांडों के लिए बैग सिलता हूँ पर मुश्किल से पेट भरने लायक़ कमा पाता हूँ’ – अनाज मण्‍डी की जली फ़ैक्टरी में 10 साल तक काम करने वाले दर्ज़ी की दास्‍तान
  • शाहाबाद डेयरी में नारकीय हालत में रहते मज़दूर
  • नागरिकता संशोधन क़ानून का बवाना जे.जे. कॉलोनी के ग़रीब मेहनतकशों की ज़िन्दगी पर असर!
  • मोदी राज में मज़दूरों के ऊपर बढ़ती बेरोज़गारी और महँगाई की मार
  • स्त्रियों के विरुद्ध जारी बर्बरता – निरन्तर और संगठित प्रतिरोध की ज़रूरत है
  • पुलिस पर फूलों की वर्षा करने से पहले ज़रा ठहरकर सोचें, पुलिस हमारी रक्षक है या इस लुटेरी व्यवस्था की रक्षा में तैनात दमन-उत्पीड़न का हथियार?
  • फ़ैक्टरी-मज़दूरों की एकता, वर्ग-चेतना और संघर्ष का विकास (रूसी सामाजिक-जनवादी पार्टी के मसौदा कार्यक्रम की व्याख्या का एक अंश) / व्ला.इ. लेनिन
  • आम लोगों को मौत और ग़रीबी में धकेलती चिकित्सा सेवाएँ
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 : शिक्षा के नग्न बाज़ारीकरण का घोषणापत्र
  • चुनावी बॉण्ड : पूँजीपतियों और चुनावी पार्टियों का अटूट और गुमनाम रिश्‍ता
  • दुनियाभर में रोज़ बढ़ते करोड़ों शरणार्थी और प्रवासी; पूँजीवाद ही ज़िम्मेदार है इस विकराल मानवीय समस्या का
  • मैं दण्ड की माँग करता हूँ / पाब्लो नेरूदा
  • काकोरी के शहीदों की क़ुर्बानी हमें आवाज़ दे रही है
  • सभी साथी एकजुट होकर संघर्ष करें, संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाता!

  • मज़दूर बिगुल – नवम्बर 2019

  • देशी-विदेशी बड़ी पूँजी का बेरोकटोक राज! इसी संघी एजेण्डा को पूरा करने में जुटी मोदी सरकार!!
  • अयोध्‍या फ़ैसला : क़ानून नहीं, आस्‍था के नाम पर बहुसंख्‍यकवाद की जीत
  • दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा न्यूनतम मज़दूरी में काग़ज़ी बढ़ोत्तरी
  • बेरोज़गारी की भयावह स्थिति : पहली बार देश में कुल रोज़गार में भारी कमी!
  • शिक्षा के अधिकार के लिए देशभर में छात्र सड़कों पर!
  • बेरोज़गार छात्रों-युवाओं से हज़ारों करोड़ की कमाई कर रही बेशर्म सरकारें
  • इलाहाबाद में एक और प्रतियोगी छात्रा की आत्महत्या!
  • हरियाणा में क्लर्क भर्ती ने खोली राज्य में बेरोज़गारी की पोल!
  • पंजाब के संगरूर में दलित खेत मज़दूर की बर्बर हत्या! / अखिल भारतीय जाति-विरोधी मंच
  • हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम और प्रदेश की जनता के सामने उपस्थित नयी चुनौतियाँ / भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI), हरियाणा इकाई
  • महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे और भविष्य की चुनौतियाँ / भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI), महाराष्ट्र इकाई
  • पूँजीवादी युद्ध और युद्धोन्माद के विरुद्ध बोल्शेविकों की नीति और सरकारी दमन (ज़ार की दूमा में बोल्शेविकों का काम-10) / ए. बादायेव
  • बढ़ता हुआ प्रदूषण और घुटती हुई आबादी / डॉ. नवमीत
  • सरकार का समर्थक / सिगफ़्रीड लेंज़
  • होण्डा से 3,000 ठेका मज़दूरों को निकालने के विरोध में संघर्ष तेज़ / रवि
  • शिरोकी टेक्निको प्राइवेट लिमि‍टेड के निकाले गये ठेका मज़दूरों का संघर्ष जारी
  • इस मज़दूर की मौत का ज़िम्मेदार कौन है?
  • जेएनयू में सफ़ाई मज़दूरों की हड़ताल : एक रिपोर्ट
  • महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक के सुरक्षा कर्मियों की एक दिन की हड़ताल
  • मज़दूर बिगुल – अक्टूबर 2019

  • मेहनतकश साथियो, सरकार और संघ परिवार के झूठों और झूठे मुद्दों से सावधान रहो!
  • प्रधानमंत्री अमेरिका जाकर घोषणा कर रहे हैं कि ‘भारत में सब चंगा सी!’
    पर आम मेहनतकश जनता पर मन्दी की मार तेज़ होती जा रही है / पराग वर्मा
  • अभिजीत बनर्जी को नोबल पुरस्कार और ग़रीबी दूर करने की पूँजीवादी चिन्ताओं की हक़ीक़त / सत्यम
  • विकराल बेरोज़गारी : ज़ि‍म्मेदार कौन? बढ़ती आबादी या पूँजीवादी व्यवस्था? / अमित
  • मोदी सरकार द्वारा श्रम क़ानूनों में किये गये मज़दूर-विरोधी बदलावों के मायने/ वृषाली
  • मन्दी के बीच मज़दूरों के जीवन के हालात और संशोधनवादी ट्रेड यूनियनों की दलाली
  • मज़दूरों पर बढ़ते हमलों के इस समय में करोड़ों की सदस्यता वाली केन्द्रीय ट्रेड यूनियनें कहाँ हैं? / पराग
  • कश्मीरी क़ौमी संघर्ष समर्थन कमेटी, पंजाब के आह्वान पर पंजाब में हज़ारों लोग कश्मीरी जनता के हक़ में सड़कों पर उतरे / लखविन्दर
  • बेटी बचाओ, भाजपाइयों से!भाजपा नेताओं के कुकर्मों की शिकार हुई एक और बेटी / रूपा
  • क्या आप अवसाद ग्रस्त हैं? दरअसल आप पूँजीवाद के शिकार हैं! / अनीता
  • क्या आतंकवाद वाक़ई देश और दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है?/ अनुपम
  • पूँजीवादी युद्ध और युद्धोन्माद के विरुद्ध बोल्शेविकों की नीति और सरकारी दमन (ज़ार की दूमा में बोल्शेविकों का काम-8) / ए. बादायेव
  • तानाशाह : तीन कविताएँ – कविता कृष्णपल्लवी
  • ‘अन्‍वेषण’ : कला के असली सजर्कों तक कला को ले जाने की अनूठी पहल
  • गाँव की ग़रीब आबादी के बीच मनरेगा मज़दूर यूनियन की ज़रूरत और’क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन’ के अनुभव / प्रवीण कुमार
  • गुड़गॉंव ऑटोमोबाइल पट्टी में जगह-जगह मज़दूरों का संघर्ष जारी है! / शाम मूर्ति
  • मज़दूर बिगुल – अगस्‍त 2019

  • झूठी बातों से सच को हमेशा दबाया नहीं जा सकता! आतंक का राज क़ायम करके लोगों को उठ खड़े होने से रोका नहीं जा सकता
  • कश्मीर के मुद्दे पर सोचने के लिए कुछ बेहद ज़रूरी सवाल – क्‍या किसी क़ौम को ग़ुलाम बनाने की हिमायत करके हम आज़ाद रह सकते हैं?
  • एनएमसी विधेयक : मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर फ़ासीवाद की मार
  • ‘यूएपीए’ संशोधन बिल : काले कारनामों को अंजाम देने के लिए लाया गया काला क़ानून
  • अर्थव्यवस्था का संकट गम्भीरतम रूप में – पूँजीपतियों का मुनाफ़ा बचाने के लिए संकट का सारा बोझ मेहनतकशों की टूटी कमर पर
  • पूँजीवादी संकट गम्भीर होने के साथ ही दुनिया-भर में दक्षिणपंथ का उभार तेज़
  • वेतन संहिता अधिनियम 2019 – मज़दूर अधिकारों पर बड़ा आघात
  • कर्नाटक के गारमेण्ट मज़दूरों का उग्र आन्दोलन और लम्बे संघर्ष की तैयार होती ज़मीन
  • ऑटोमोबाइल सेक्टर में भीषण मन्दी से लाखों लोगों का रोज़गार छिन सकता है
  • मज़दूर आन्दोलन में मज़दूर अख़बार की भूमिका की एक शानदार मिसाल (ज़ार की दूमा में बोल्शेविकों का काम-7)
  • भीषण बेरोज़गारी और तबाही झेलती दिल्ली की मज़दूर आबादी
  • मज़दूर बिगुल – मई-जून 2019

  • मोदी सरकार की वापसी : मेहनतकश जनता पर नये कहर की शुरुआत
  • मुज़फ़्फ़रपुर : एक और सामूहिक हत्याकाण्ड
  • मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल : पूँजीपतियों को रिझाने के लिए रहे-सहे श्रम क़ानूनों की धज्जियाँ उड़ाने की तैयारी
  • पूँजीपतियों के मुनाफ़े की दर में गिरावट रोकने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाती मोदी सरकार
  • चुनाव ख़त्म, मज़दूरों की छँटनी शुरू
  • पश्चिम बंगाल में भाजपा की सफलता और संसदीय वाम राजनीति के कुकर्म
  • चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर आपको क्यों चिन्तित होना चाहिए?
  • भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी को मिले समर्थन के लिए अभिवादन
  • मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल : पर्यावरण विनाशक नीतियों के निरंकुश विस्तार और उसके भयावह परिणामों के लिए तैयार रहें
  • पूँजी के राक्षसी जबड़ों से धरती और पर्यावरण को बचाना होगा
  • ख़र्चीला और विलासी बुर्जुआ लोकतन्त्र : जनता की पीठ पर भारी-भरकम बोझ सा सवार
  • सरकारी रिपोर्ट से भी उजागर हुए लगातार ख़राब होते मज़दूरों के हालात
  • अम्बेडकरनगर के ईंट-भट्ठों में भयंकर शोषण-उत्पीड़न के शिकार मज़दूर
  • पुतीलोव कारख़ाने के मज़दूरों पर गोलीबारी और उसके विरुद्ध संघर्ष (ज़ार की दूमा में बोल्शेविकों का काम-6)
  • इंक़लाबी जोश-ओ-ख़रोश के साथ मज़दूरों ने दी शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि
  • ईवीएम में घपले के ख़िलाफ़ भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) का निर्वाचन आयोग पर विरोध प्रदर्शन!
  • कहानी – बेघर छोटू