Category Archives: आर्काइव

मज़दूर बिगुल – दिसम्बर 2023

  • चुनावों के रास्ते फ़ासीवाद की निर्णायक पराजय सम्भव नहीं – क्रान्तिकारी सर्वहारा वर्ग ही दे सकता है जनविरोधी फ़ासीवादी सत्ता को निर्णायक शिकस्त
  • हर मुक्तिकामी, न्यायप्रिय और प्यार से लबरेज़ दिल के अन्दर धड़कता है गाज़ा!
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 16 : मज़दूरी
  • गुड़गाँव से लेकर धारूहेड़ा तक की औद्योगिक पट्टी के मज़दूरों के जीवन और संघर्ष के हालात
  • सिलक्यारा सुरंग हादसा : मुनाफे की अँधी हवस की सुरंग
  • कश्मीर के भारतीय औपनिवेशिक क़ब्ज़े पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
  • भगतसिंह जनअधिकार यात्रा : फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ बुनियादी सवालों पर मेहनतकश जन समुदाय को जगाने और संगठित करने की मुहिम
  • मज़दूर बिगुल – अक्टूबर 2023

  • जनता के जनवादी अधिकारों पर आक्रामक होता फ़ासीवादी मोदी सरकार का हमला और इक्कीसवीं सदी में फ़ासीवाद के बारे में कुछ बातें
  • अगर न्याय नहीं है, तो शान्ति कैसे हो सकती है?
  • ब्रिक्स और जी-20 शिखर सम्मेलनों में साम्राज्यवाद के बदलते समीकरणों की अनुगूँजें
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (सातवीं क़िस्त)
  • “महँगाई-बेरोज़गारी भूल जाओ! पाकिस्तान को सबक सिखाओ!” गोदी मीडिया की गलाफाड़ू चीख-पुकार, यानी चुनाव नज़दीक आ गये हैं!
  • महिला आरक्षण बिल पर सर्वहारावर्गीय नज़रिया क्या हो?
  • गाज़ा पर इज़रायली सेटलर औपनिवेशिक घेरेबन्दी मुर्दाबाद! गाज़ा पर इज़रायली कब्ज़ा मुर्दाबाद! फ़िलिस्तीनी जनता का मुक्ति संघर्ष ज़िन्दाबाद!
  • निराशा, अवसाद और पस्तहिम्मती छात्रों को आत्महत्या  की तरफ धकेल रही है 
  • मज़दूर बिगुल – सितम्‍बर 2023

  • दंगे करने का अधिकार, माँग रहा है संघ परिवार! शामिल है मोदी सरकार!
  • अपराध-सम्बन्धी क़ानूनों में बदलाव के पीछे मोदी सरकार की असल मंशा क्या है?
  • कहानी – सुकून की तलाश में एक दिन / अन्वेषक
  • क्या है बजरंग दल और मज़दूरों को इससे क्यों सावधान रहना चाहिए?
  • मोदी सरकार के अमृतकाल में दलितों का बर्बर उत्पीड़न चरम पर
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षण माला – 14 : बेशी मूल्य का उत्पादन
  • भाजपा शासन में चुनाव पास आते ही सरहद पर घुसपैठ क्यों बढ़ जाती है?
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (छठी क़िस्त)
  • कांस्टेबल चेतन सिंह अकेला नहीं! देश भर में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाकर साम्प्रदायिक फ़ासीवादी ज़ॉम्बीज़ की फ़सल तैयार कर रहा है संघ परिवार
  • नूंह में हुई हिंसा की सच्चाई : एक जाँच रिपोर्ट
  • मज़दूर बिगुल – अगस्त 2023

  • हार की आशंका से घबरायी मोदी-शाह सरकार और भाजपा देश को दंगों की आग में झोंकने की तैयारी में
  • मणिपुर में बर्बरता के लिए कौन है ज़िम्मेदार?
  • “निजता की सुरक्षा” के नाम निजता के उल्लंघन को कानूनी जामा पहनाने वाला नया विधेयक : ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल’  
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 13 : पूँजीवादी उत्पादन: श्रम प्रक्रिया के रूप में और मूल्य-संवर्धन प्रक्रिया के रूप में
  • मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (पाँचवी क़िस्त)
  • विपक्ष का नया गठबन्धन ‘इण्डिया’ और मज़दूर वर्ग व मेहनतकश आबादी का नज़रिया
  • दिल्ली की आँगनवाड़ीकर्मियों का संघर्ष बुर्जुआ न्यायतन्त्र के चेहरे को भी कर रहा बेनक़ाब!
  • मज़दूर बिगुल – जून 2023

  • कर्नाटक चुनावों के नतीजे, मोदी सरकार की बढ़ती अलोकप्रियता, फ़ासिस्टों की बढ़ती बेचैनी, साम्प्रदायिक उन्माद व अन्धराष्ट्रवादी लहर पैदा करने की बढ़ती साज़िशें और हमारे कार्यभार
  • ‘द केरला स्टोरी’: संघी प्रचार तन्त्र की झूठ-फ़ैक्ट्री से निकली एक और फ़िल्म
  • पुरोला की घटना और भाजपा के “लव जिहाद” की सच्चाई!
  • मणिपुर में जारी हिंसा : भारतीय राज्यसत्ता के राष्ट्रीय दमन और हिन्दुत्व फ़ासीवाद के नफ़रती प्रयोग की परिणति
  • उड़ीसा का ट्रेन हादसा : लोगों की जान से खेलती मोदी सरकार
  • मोनोपोली बनाम ‘बाकी सभी’! अपने वर्ग सहयोगवाद को जायज़ ठहराने के लिए “महासचिव” अजय सिन्हा की नयी “खोजें”!
  • ‘द गुजरात स्टोरी’ : भाजपा के शासन में गुजरात में 41 हज़ार महिलाएँ लापता!
  • धर्म के बाज़ार में एक और नया पाखण्डी – धीरेन्द्र शास्त्री
  • क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 11 : स्वर्ण असमर्थित कागज़ी मुद्रा (फियेट मुद्रा) के विशिष्ट मार्क्सवादी नियम
  • मज़दूर बिगुल – मई 2023