लाभार्थियों के फ़ेशियल रिकॉग्निशन व ई-केवाईसी के ज़रिये जनता की निगरानी और आँगनवाड़ीकर्मियों पर काम का बोझ बढ़ाती मोदी सरकार!
समेकित बाल विकास परियोजना का घोषित मक़सद ज़रूरतमन्द लोगों तक आवश्यक सुविधाएँ और पोषाहार पहुँचाने का है। इसे डिजिटल करना न केवल आँगनवाड़ीकर्मियों का काम बढ़ाना होगा बल्कि उस ज़रूरतमन्द आबादी तक इस परियोजना की पहुँच को ही सीमित कर देना होगा। दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन सरकार के इस क़दम का विरोध करती है।