मोदी-शाह की राजग गठबन्धन सरकार का पहला बजट – मेहनतकश-मज़दूरों के हितों पर हमले और पूँजीपतियों के हितों की हिमायत का दस्तावेज़
मौजूदा बजट का मक़सद साफ़ है : संकट के दौर में पूँजीपतियों को अधिक से अधिक सहूलियतें, राहतें और रियायतें देना, निजीकरण की आँधी को बदस्तूर जारी रखना, मज़दूर वर्ग और आम मेहनतकश अवाम की औसत मज़दूरी व औसत आय को नीचे गिराकर उन्हें पूँजीपतियों के समक्ष अधिकतम सम्भव ज़रूरतमन्द और ग़रज़मन्द बनाना, पूँजीपतियों को करों से अधिक से अधिक मुक्त करना, सरकारी ख़ज़ाने में इससे होने वाली कमी को पूरा करने के लिए करों के बोझ को आम मेहनतकश जनता व मध्यवर्ग के ऊपर अधिक से अधिक बढ़ाना, जनता की साझा सम्पत्ति व सार्वजनिक क्षेत्र को अधिक से अधिक पूँजीवादी लूट के लिए खोलना, रोज़गार सृजन के नाम पर ऐसी योजनाओं को लागू करना जो पूँजीपतियों के लिए बेहद सस्ते श्रम के अतिदोहन को सरल और सहज बनाये।