लखनऊ के अकबरनगर में लिखा गया योगी सरकार के बुलडोज़री न्याय का एक और काला अध्याय
जब 50-60 सालों से यह सब चल रहा था तो यहाँ रहने वाले लोग “अवैध क़ब्ज़ा” करने वाले नहीं थे, वे भी नागरिक थे जो टैक्स और वोट देते थे। लेकिन अब अचानक उन सबको “अपराधी” घोषित कर दिया गया है जिनकी वजह से ही कुकरैल नदी मर रही है और राजधानी का पर्यावरण चौपट हो रहा है। अगर वे अपराधी हैं तो वे तमाम मंत्री और सरकारी अफ़सर उनसे बहुत बड़े अपराधी हैं जो दशकों से उनके यहाँ बसने में सहयोग करते रहे हैं। अपराधी वे तमाम मंत्री और अफ़सर हैं जिनकी शह पर बिल्डर माफ़िया ने हर शहर के जलाशयों, नालों और पार्कों को पाट और काट डाला है। मगर उन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होगी।