श्रीराम सेने नामक साम्प्रदायिक संगठन के नेता की शर्मनाक हरकत – मुस्लिम प्रिंसिपल से थी चिढ़ तो स्कूल की पानी टंकी में मिला दिया ज़हर
कर्नाटक में घटित इस घटना ने हमें सोचने पर मज़बूर कर दिया है कि आख़िर हमारा समाज किस ओर जा रहा है। यह घटना दिखाती है कि फ़ासीवादी भाजपा और आरएसएस की नफ़रती राजनीति और ज़हरीली मानसिकता कितनी गहराई में अपनी पैठ बना चुकी है। सत्ता में आने के बाद से फ़ासीवादी मोदी सरकार ने साम्प्रदायिकता की आग में देश को धकेला है, उसके परिणाम अब नग्न रूप में दिखने लगा है। एक ख़ास क़ौम के ख़िलाफ़ कभी टीवी मीडिया के रीढ़विहीन एंकरों द्वारा तो कभी अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, हेमन्ता बिस्वा शर्मा जैसे दंगाइयों के द्वारा नफ़रत उगला जाता है। इससे स्थानीय स्तर पर मौजूद छोटे-छोटे साम्प्रदायिक संगठनों को खुली छूट मिलती है, जो किसी न किसी रूप में सीधे या घुमा-फिराकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समूची मशीनरी का ही हिस्सा होते हैं। इसलिये श्री राम सेने नामक दक्षिणपन्थी संगठन के नेता द्वारा पानी में ज़हर मिलाने की घटना को आरएसएस और भाजपा की साम्प्रदायिक फ़ासीवादी राजनीति से अलग करके नहीं देखा जा सकता।