अडाणी की लूट उजागर करने पर स्वतन्त्र पत्रकारों को नोटिस – अब देश को बेधड़क लूट रहे धनकुबेरों का नाम लेना भी गुनाह!
आज जिस स्तर पर भाजपा खुले आम पूँजीपतियों के लिए काम कर रही है, यह किसी से शायद ही छिपा हो। ऐसे में थोड़ी-सी सच्चाई भी जनता को पता चलना सत्ता में बैठे फ़ासीवादियों को गवारा नहीं है। लोग पहले ही महँगाई, बेरोज़गारी, महँगी शिक्षा, महँगी स्वास्थ्य सेवाओं आदि जैसे मुद्दों से परेशान हैं। भाजपा और संघ की लाख कोशिशों के बावजूद हिन्दू–मुस्लिम, मन्दिर–मस्जिद, हिन्दुस्तान–पाकिस्तान जैसे नकली मुद्दे बड़ा रूप अख़्तियार नहीं कर पा रहे हैं। इसके उलट, बिहार में अडाणी को सस्ते दर पर ज़मीन देने, गडकरी के बेटे के एथेनॉल घोटाले से लेकर वोट चोरी का मामला छिपाये नहीं छिप रहा है। ऐसे में रही-सही मीडिया की आज़ादी इनके गले में हड्डी बन रही है।




















