फ़ासीवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में क्यों ‘इण्डिया’ गठबन्धन नहीं हो सकता भाजपा का विकल्प?
अपने दूरगामी वर्ग संघर्ष के हितों को ध्यान में रखते हुए जनता को यह सुनिश्चित करना होगा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को शिकस्त दी जाय। यह फ़ासीवाद की निर्णायक पराजय नहीं होगी, लेकिन यह फ़ासीवादी शक्तियों को एक तात्कालिक झटका देगी और जनता को अपनी शक्तियों को क्रान्तिकारी नेतृत्व के मातहत संचित और संगठित करने की एक मोहलत, वक़्त और मौका देगी। इसलिए यह नकारात्मक नारा हमारे लिए आज प्रासंगिक है कि भाजपा को हराया जाये। यह कोई सकारात्मक नारा नहीं है जो सीधे किसी अन्य पूँजीवादी दल या पूँजीवादी दलों के गठबन्धन को समर्थन देता है (जैसा कि संसदीय वामपन्थी, सुधारवादी और उदारवादी देते हैं), क्योंकि वह सर्वहारा पक्ष की स्वतन्त्रता को गिरवी रखने के समान होगा, वह किसी अन्य पूँजीवादी दल या उनके किसी गठबन्धन के राजनीतिक कार्यक्रम को समर्थन देना होगा।