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(मज़दूर बिगुल के अक्टूबर 2023 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
विशेष लेख / रिपोर्ट
अगर न्याय नहीं है, तो शान्ति कैसे हो सकती है?
कब तक अमीरों की अय्याशी का बोझ हम मज़दूर-मेहनतकश उठायेंगे! / भारत
संघर्षरत जनता
समाज
महिला आरक्षण बिल पर सर्वहारावर्गीय नज़रिया क्या हो? / प्रियम्वदा
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
चुनाव नज़दीक आते ही मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस की क़ीमत घटाने के मायने / नौरीन
छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे और उनके मायने / आशीष
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
ब्रिक्स और जी-20 शिखर सम्मेलनों में साम्राज्यवाद के बदलते समीकरणों की अनुगूँजें / आनन्द
शिक्षा और रोजगार
निराशा, अवसाद और पस्तहिम्मती छात्रों को आत्महत्या की तरफ धकेल रही है / अविनाश (मुम्बई )
ग्रामीण आजीविका मिशन : ग्रामीण महिलाओं और बेरोज़गार नौजवानों के श्रम को लूटने का मिशन / अविनाश
लेखमाला
कला-साहित्य
कविता – फ़िलिस्तीन / कात्यायनी
मज़दूरों की कलम से
आपस की बात – वेल्डिंग कम्पनी के मजदूरों के हालात / मुकेश, दिल्ली
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन