आज़ादी की आदिम चाहत, अदम्य साहस और ज़िन्दगी की ललक का नाम है गाज़ा!
अपनी हार को देखते हुए हताशा में ज़ायनवादी, उपनिवेशवादी नेतन्याहू सरकार ने मासूम बच्चों और गाज़ा के नागरिकों पर हमले को और तेज़ कर दिया है। अपनी पराजय को छुपाने के लिए नेतन्याहू इज़रायल की जनता के सामने गाज़ा के नरसंहार और विनाश को विजय की तरह प्रस्तुत कर रहा है। लेकिन साथ ही वह इस सच्चाई को छुपा नहीं पा रहा कि 100 दिनों से अधिक से चल रहे नरसंहार के बाद भी अभी तक इज़रायली बन्धकों को रिहा क्यों नहीं कराया जा सका है? पूरे उत्तर गाज़ा पर नियंत्रण और दक्षिण गाज़ा पर सघन बमबारी और ज़मीनी हमलों के बाद भी इज़रायल को बन्धक क्यों नहीं मिल रहे हैं? हमास अभी भी किस तरह गाज़ा में शासन कर रहा है और किस प्रकार इज़रायली सेना को खदेड़ रहा है यदि उसके तमाम बड़े नेताओं को समाप्त करने का दावा इज़रायल कर रहा है?