विकराल बेरोज़गारी : ज़िम्मेदार कौन? बढ़ती आबादी या पूँजीवादी व्यवस्था?
पिछले 15 अगस्त को देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर से दहाड़ते हुए लम्बा-चौड़ा भाषण दिया और देश की “अल्पज्ञानी” जनता को ज्ञान के नये-नये पाठ पढ़ाये! इस बार माननीय प्रधानमंत्री जी ने ‘भारी जनसंख्या विस्फोट’ को लेकर विशेष चिन्ता भी ज़ाहिर की और उन्होंने जनता को ही इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया।