वास्तव में लुधियाना में गरीबों की सभी बस्तियों में बिजली की ऐसी ही समस्याएँ हैं। बिजली विभाग गरीबों की समस्याओं को गम्भीरता से नहीं लेता। पैसे वालों की ही सुनवाई होती है। गरीब लोगों की तभी सुनवाई होती है जब वे एकजुट होकर आवाज़ उठाते हैं। पानी, साफ-सफाई, गलियों-सड़कों, आदि सभी मामलों में गरीबों की बस्तियों के हालात बहुत खराब हैं। लुधियाना शहर की बड़ी बहुसंख्या ऐसी ही नारकीय हालतों वाले इलाकों में रहती है। रिहायशी समस्याओं पर गरीबों का एक बड़ा आन्दोलन खड़ा होना बहुत जरूरी है। राजीव गाँधी कालोनी के निवासी साफ-सफाई, पानी, बिजली के मुद्दों पर संघर्ष की राह पर हैं। लोगों ने इस संघर्ष के दौरान देखा है कि जब एकजुट होकर संघर्ष करते हैं तो समस्या हल हो सकती है। इससे पहले लोग बिजली की तारें सड़ने पर आपस में पैसे इक्कठे करके तार बदलवाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होता। अब लोग इक्कठे होकर बिजली विभाग से संघर्ष करते हैं। अन्य मुद्दों पर हुए संघर्ष का भी असर हुआ है। नगर निगम द्वारा लगाई गई एक प्राइवेट कम्पनी गाड़ी द्वारा कालोनी से कूड़ा इक्कठा करने लगी है। रात को गलियों में रोशनी के लिए कुछ स्ट्रीट लाइटें भी लगी हैं।