रिपोर्ट : “महान अक्टूबर क्रान्ति, समाजवादी संक्रमण की समस्याएँ और इक्कीसवीं सदी की नयी समाजवादी क्रान्तियाँ”
अक्टूबर क्रान्ति शतवार्षिकी समिति द्वारा गत 23 दिसम्बर को पटना में “महान अक्टूबर क्रान्ति, समाजवादी संक्रमण की समस्याएँ और इक्कीसवीं सदी की नयी समाजवादी क्रान्तियाँ” विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया था, जिसमें वक्ता के तौर पर ‘मज़दूर बिगुल’ के सम्पादक अभिनव सिन्हा मौजूद थे। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत बोल्शेविक क्रान्ति के सौ वर्ष पूरे होने तथा उसके कारण दुनिया पर पड़े प्रभाव से की जिसने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। इस घटना ने मानव इतिहास में एक नये युग की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि यह पूरी दुनिया में पहला ऐसा प्रयोग था जिसमें शोषक अल्पसंख्या पर शोषित बहुसंख्या का शासन था। यह एक ऐसा वर्ग समाज था जिसमें राज्य सत्ता और वर्ग संघर्ष भी था। अतः कम्युनिस्ट समाज का समतामूलन सपना अभी सफल नहीं हो पाया था।