महान अक्टू्बर क्रान्ति की जयन्ती पर बिगुल मज़दूर दस्ता द्वारा वज़ीरपुर और गुड़गाँव में कार्यक्रम
बिगुल मज़दूर दस्ता ने अक्टूबर क्रान्ति की 98वी वर्षगांठ पर 7 और 8 नवम्बर को दिल्ली के वज़ीरपुर स्थित राजा पार्क और गुडगाँव के शक्ति पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में गीतों और नाटक के ज़रिये मज़दूरों को 1917 में रूस में हुई अक्टूबर क्रान्ति के सुनहरे इतिहास से परिचित कराया गया जब मज़दूरों ने पूँजीपतियों-जागीरदारों की सत्ता को उखाड़ फेंककर अपना राज क़ायम किया था। ‘अक्टूबर क्रान्ति की जली मशाल’ नाटक में यह दर्शाया गया कि किस तरह ज़ार के तख्तापलट के बाद केरेन्स्की के नेतृत्व में बनी अस्थायी सरकार जो वास्तव में पूँजीपतियों की ही सरकार थी को बोल्शेविकों ने लड़कर सत्ता से हटाया और मज़दूर राज कायम किया। 1917 की अक्टूबर क्रान्ति के बाद किस तरह मज़दूरों ने अपने आप को सोवियतों में संगठित कर एक ऐसे समाज का निर्माण किया जहाँ भुखमरी, कुपोषण, बेरोज़गारी, वेश्यावृत्ति जड़ से ख़त्म कर दी गयी, और सबको बराबरी का दर्जा दिया गया। यह सब केवल मज़दूरों-किसानों-मेहनतकशों के राज में ही सम्भव हो पाया। लोगों ने पूरे नाटक को बहुत रुचि से देखा। बिगुल मज़दूर दस्ता की शिवानी ने कहा कि मज़दूरों को आज फिर अपने हालात को बदलने के लिए अक्टूबर क्रान्ति के नए संस्करण रचने होंगे और मज़दूर संघर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास से सबक लेते हुए अपनी लड़ाई की रणनीति तय करनी होगी। मज़दूरों के लिए एक कला प्रदर्शनी भी लगायी गयी जिसमे सोवियत पोस्टरों से लेकर समाजवादी यथार्थवाद से प्रभावित चित्र शामिल थे। वज़ीरपुर के कार्यक्रम में चार्ली चैप्लिन की प्रसिद्ध फ़िल्म ‘मॉडर्न टाइम्स’ भी दिखायी गयी।
मज़दूर बिगुल, अक्टूबर-नवम्बर 2015
बिगुल मज़दूर दस्ता ने आज गुडगाँव स्थित शक्ति पार्क में अक्टूबर क्रान्ति की 98वी वर्षगांठ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन…
Posted by मज़दूर बिगुल on Sunday, November 8, 2015
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन