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(मज़दूर बिगुल के दिसम्बर 2015 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
चीन में आर्थिक संकट और मज़दूर वर्ग / सनी
चीन के बाद अब भारत के मज़दूरों के लहू को निचोड़ने की तैयारी में फ़ॉक्सकॉन / अखिल कुमार
श्रम कानून
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
अपनी हरकतों के चौतरफा विरोध से बौखलाये संघी फासीवादी गिरोह की झूठ पर टिकी मुहिम / रणबीर
विशेष लेख / रिपोर्ट
खट्टर सरकार का फरमान- मुँह सिलकर करो काम! / रमेश
क्या मेहनतकश के लिए “ख़ुशी” का मतलब यही है? / नवमीत
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
मारुति मजदूरों के संघर्ष की बरसी पर रस्म अदायगी / अनन्त
विरासत
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
दक्षिण चीन सागर की घटनाएँ और साम्राज्यवादी ताक़तों के बीच बढ़ता तनाव / मानव
महान जननायक
गतिविधि रिपोर्ट
फ़िलिस्तीन के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कार्यक्रम
साम्प्रदायिक विरोधी संयुक्त मोर्चे द्वारा फासीवाद के खिलाफ़ ज़ोरदार रोष प्रदर्शन
शहीद करतार सिंह सराभा के शहादत दिवस पर समाज बदलने के लिए आगे आने का आह्वान
मज़दूरों की कलम से
इस व्यवस्था को चोट दो! / कपिल, करावलनगर, दिल्ली
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन