‘जातिवाद की समस्या व इसका समाधान’ विषय पर विचार गोष्ठी
सुखविन्दर ने कहा कि जातिवाद के ख़ात्मे का रास्ता सिर्फ़ मार्क्सवाद के पास है। मार्क्सवाद और अम्बेडकरवाद को आपस में मिलाने की कोशिशें बेबुनियाद हैं, इनका फ़ायदा नहीं बल्कि नुकसान ही हो रहा है। जय भीम लाल सलाम का नारा एक ग़लत नारा है। डा. अम्बेडकर ने जातीय उत्पीड़न के मुद्दे को उभारने में अहम भूमिका निभायी लेकिन उनके पास जाति व्यवस्था के ख़ात्मे का कोई रास्ता नहीं था। वे भाववादी दर्शन और पूँजीवादी अर्थशास्त्र व राजनीति के पैरोकार थे।