Category Archives: गतिविधि रिपोर्ट

‘वादा ना तोड़ो अभियान’ के तहत पटना में हुआ ‘रोज़गार अधिकार महाजुटान’

इस बार के बिहार विधान सभा चुनाव में रोज़गार एक मुख्य मुद्दा बनकर उभरा था और हर पार्टी द्वारा रोज़गार के मुद्दे पर बड़े-बड़े चुनावी वादे किये गये थे। उनमें से नीतीश की गठबन्धन सरकार ने 19 लाख रोज़गार का वादा किया था। इसी के मद्देनज़र बिहार में ‘वादा न तोड़ो अभियान’ की शुरुआत की गयी जिसमें कि सरकार से यह माँग की गयी कि वह 19 लाख रोज़गार कैसे देगी इसकी रूप रेखा जनता के सामने प्रस्तुत करे। इसके अलावा इस अभियान में राज्य स्तर पर भगतसिंह रोज़गार गारण्टी क़ानून बनाने की माँग उठायी गयी व और भी अन्य माँगें शामिल की गयीं।

प्रथम स्त्री शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्मदिवस पर जातितोड़क भोजों का आयोजन

जाति व्यवस्था को इतिहास में हर शासक वर्ग ने अपने तरीक से इस्तेमाल करने का काम किया है। मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था ने भी जाति प्रथा को अपने ढाँचे के साथ सहयोजित कर लिया है। पूँजीवादी चुनावी राजनीति भी जाति व्यवस्था के पूरे ढाँचे को बना कर रखने का काम करती रही है और यह मौजूदा पूँजीवादी जाति व्यवस्था मेहनतकश वर्ग की क्रान्तिकारी लामबन्दी को कमजोर करने का काम करती है। आज निरन्तर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की ज़रूरत है जो जाति व्यवस्था को तोड़कर मेहनतकश जनता की क्रान्तिकारी लामबन्दी कायम कर सकें। इसी के तहत नौजवान भारत सभा द्वारा सावित्रीबाई फुले के जन्मदिवस पर जगह-जगह जाति तोड़क भोज, चर्चा और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

26 नवम्बर की देशव्यापी हड़ताल में MSSA में शामिल यूनियनों व मज़दूर संगठनों की हिस्सेदारी

मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों, श्रम क़ानूनों में मज़दूर-विरोधी संशोधन व मज़दूरों तथा कर्मचारियों के अधिकारों पर लगातार जारी हमलों के ख़िलाफ़ 26 नवम्बर को आयोजित देशव्यापी हड़ताल में मज़दूर संघर्ष संकल्प अभियान के तहत विभिन्न राज्यों में भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) समेत अन्य यूनियनों व जन संगठनों ने भागीदारी की।

देशव्यापी हड़ताल के दौरान RWPI व KMMU के बैनर तले हरियाणा में कलायत तहसील का घेराव

भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) व क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन के बैनर तले देशव्यापी हड़ताल में हरियाणा के गाँव चौशाला, रामगढ़, बालू, सिमला, पिंजपुरा व कलायत शहर के मज़दूरों ने भागीदारी की। हड़ताल के दौरान मज़दूरों ने अपनी एकजुटता का शानदार प्रदर्शन करते हुए मोदी सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। इस एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन में क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन की तरफ़ से यूनियन प्रभारी रमन ने मनरेगा मज़दूरों की समस्याओं पर विस्तार से बात रखी।

उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर ज़िले में बिजली के बिलों की धाँधली

उत्तर प्रदेश की फ़ासीवादी योगी सरकार आम जनता की जेब काटकर अपने आक़ाओं की तिजोरियाँ भरने का एक भी मौक़ा छोड़ने को तैयार नहीं है। उत्तर प्रदेश के तमाम ज़िलों में ठेकेदार की लापरवाही के चलते बिजली के फ़र्ज़ी बिलों का बोझ लाद देने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। पिछले दिनों प्रदेश के अम्बेडकरनगर ज़िले की आलापुर तहसील में सैकड़ों गाँवों में परिवारों को पचास हज़ार से एक लाख रुपये के फ़र्ज़ी बिल भेजे गये तथा एफ़आईआर और कनेक्शन काटने की धमकी देकर लोगों से ज़बरन वसूली करने की कोशिश की गयी।

पटना में घरेलू कामगार यूनियन का गठन

केन्द्र सरकार द्वारा लॉकडाउन हटाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार ने जनता के ऊपर एक के बाद एक लॉकडाउन लगाने का ही विकल्प चुना। स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाय शुरुआत से नीतीश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और सिर्फ़ लॉकडाउन कर अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया!

‘अन्‍वेषण’:कला के असली सजर्कों तक कला को ले जाने की अनूठी पहल

यह कविता दिल्ली के मज़दूर इलाक़ों में छात्र-युवा कलाकारों की संस्था ‘प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स लीग’ द्वारा शुरू की गई मुहिम ‘अन्‍वेषण’ को सटीक ढंग से अभिव्यक्त करती है। ‘अन्‍वेषण’ का मक़सद कला को आर्ट गैलरी की दीवारों से बाहर उतारकर ज़िन्दगी के बीच लाना है। इस मुहि‍म का मक़सद जीवन की बुनियादी शर्तों को रचने वाले सर्जकों के बीच जाकर जीवन के गरम ताप से कला को सींचना है। हमने अन्‍वेषण के तहत बवाना, वज़ीरपुर, नांगलोई के औद्योगिक क्षेत्रों में, इन इलाक़ों से सटे रिहायशी क्षेत्रों में फोटोग्राफ़ी की, स्‍केच बनाये, चित्र बनाये और लोगों से कला के बारे में, उनकी ज़िन्दगी के बारे में बातचीत की। इस दौरान किये गये कलाकर्म को लोगों के बीच प्रदर्शित भी किया। इस दौरान हमारे जो अनुभव रहे उन्हें हम यहाँ साझा कर रहे हैं।

कश्मीरी क़ौमी संघर्ष समर्थन कमेटी, पंजाब के आह्वान पर पंजाब में हज़ारों लोग कश्मीरी जनता के हक़ में सड़कों पर उतरे

15 सितम्बर को पंजाब में कश्मीरी कौम के हक़ में इतनी ज़ोरदार आवाज़ उठी कि 40 दिनों से बहरे बने बैठे पूँजीवादी मीडिया को भी सुननी पड़ गई। ‘‘कश्मीर कश्मीरी लोगों का, नहीं हिन्द-पाक की जोकों का’’ और ‘‘पंजाब से उठी आवाज, कश्मीरी संघर्ष ज़ि‍न्दाबाद’’ के नारों के साथ पंजाब के हज़ारों मज़दूरों, किसानों, छात्रों, नौजवानों व बुद्धिजीवियों के जब 15 सितम्बर की सुबह चण्डीगढ़/मोहाली की तरफ काफ़ि‍ले जाने शुरू हुए तो इस आवाज़ ने हुक्मरानों के लिए खौफ़ खड़ा कर दिया। पंजाब में उठी यह आवाज़ दमन और प्रतिरोध की आग में तप रहे कश्मीरी जनता के लिए हवा के ठण्डे झोंके की तरह है। कश्मीरी जनता के लिए इस तरह ज़ोरदार आवाज़ बुलन्द करके पंजाब के जनवादी जनान्दोलन ने अपनी जनवादी व जुझारू रवायतों को बरकरार रखा है।

“मई दिवस बन जाये हर दिन साल का, यह सोच कर तैयारियाँ करने लगें हम फिर”

“मई दिवस बन जाये हर दिन साल का, यह सोच कर तैयारियाँ करने लगें हम फिर” इंक़लाबी जोश-ओ-ख़रोश के साथ मज़दूरों ने दी शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि ‘बिगुल मज़दूर…

ईवीएम में घपले के ख़िलाफ़ भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) का निर्वाचन आयोग पर विरोध प्रदर्शन!

चुनाव के दौरान देश के अनेक स्थानों से ईवीएम मशीनों में हेराफेरी की आ रही ख़बरों और ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर उठाये जा रहे गम्भीर सवालों के मद्देनज़र 22 मई को RWPI के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग के सामने चुनाव में जालसाज़ी के ख़िलाफ़ ज़ोरदार प्रदर्शन किया गया।