पंजाब के औद्योगिक शहर लुधियाना में होज़री, डाइंग प्लांट, टेक्सटाइल, आटो पार्ट्स, साइकिल उद्योग में बड़ी मज़दूर आबादी खटती है। यह आबादी मुख्यत: बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, बंगाल, हिमाचल आदि राज्यों और पड़ोसी देश नेपाल से यहाँ काम करने आती है। पंजाबी आबादी इन कारख़ानों में कम है। अगर है भी तो ज्यादातर स्टाफ के कामों में है। लुधियाना के फैक्ट्री मालिकों का मज़दूरों के प्रति रवैया एकदम तानाशाही वाला है। अक्सर ही मज़दूरों के साथ मारपीट की घटनाएँ होती रहती हैं। पहले तो वेतन ही बहुत कम दिया जाता है। कुछ मालिक तो मज़दूरों से कुछ दिन काम करवाकर बिना पैसा दिये ही लात-गाली देकर काम से निकाल देते हैं। ऐसे में बहुत सारे मज़दूर तो अपना भाग्य मानकर चुप लगा जाते हैं और किसी दूसरी फैक्ट्री में काम पकड़ लेते हैं। लेकिन कुछ जागरूक मज़दूर मालिक को सबक सिखाने के लिए किसी तथाकथित ”कामरेड” के माध्यम से मालिक के ख़िलाफ लेबर दफ्तर में शिक़ायत कर देते हैं। मालिकों से जो कसर बचती है वह लेबर अधिकारी निकाल देते हैं। सालों-साल केस चलता है। अक्सर मालिक लेबर दफ्तर में पेश ही नहीं होते। और मज़दूर इन्साफ की उम्मीद लिये दिहाड़ी पर खटता रहता है।