भारतीय रेल किराये में “मामूली” बढ़ोत्तरी : जनता से पैसे वसूलने का ग़ैर-मामूली तरीक़ा
मोदी सरकार के कार्यकाल में रेलवे की हालत बद से बदतर हो गयी है। रेलवे के किराये में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही और दूसरी तरफ़ आम जनता भेड़ बकरियों की तरह रेलवे में सफ़र करने को मजबूर की जा रही। रेल देश में परिवहन का सबसे बड़ा साधन है, इसे लगातार बर्बाद करके, किराये में बढ़ोत्तरी करके इसे ग़रीब विरोधी बनाया जा रहा है। सार्वजनिक परिवहन तन्त्र को पूरी तरह बर्बाद करके निजी हाथों में सौंपने की तैयारी जारी है। इसका एक हालिया दूसरा उदाहरण मुम्बई की बेस्ट बस सर्विस भी है। आम जनता की जेबों से किराया बढ़ोत्तरी, टैक्स, जीएसटी वसूलने में कोई कमी-कोताही नहीं है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के नाम पर उनकी न्यूनतम ज़रूरतें भी पूरी नहीं।