गुजरात चुनाव और उसके बाद – फासीवाद से निजात पाने के आसान रास्तों का भ्रम छोड़ें और भरपूर ताक़त के साथ असली लड़ाई की तैयारी में जुटें
भाजपा फासीवादी गिरोह यानी संघ परिवार की सिर्फ़ चुनावी शाखा है। किसी चुनाव में हार जाने से संघ परिवार के तमाम संगठन अपना काम करना बन्द नहीं कर देते। उनकी विषैली राजनीति लगातार जारी रहती है। सत्ता प्रतिष्ठान से लेकर समाज की तमाम संस्थाओं में, सेना-पुलिस, न्यायपालिका, नौकरशाही से लेकर शिक्षा-संस्कृति की संस्थाओं तक में उनकी घुसपैठ योजनाबद्ध ढंग से बढ़ती रहती है। 2004 और 2009 की चुनावी हारों के बाद और भी ज़्यादा ताक़त के साथ भाजपा की सत्ता में वापसी इसका उदाहरण है।