नये साल में मज़दूर वर्ग को फासीवाद की काली घटाओं को चीरकर आगे बढ़ने का संकल्प लेना ही होगा
इतिहास गवाह रहा है कि पूँजीवादी संकट के दौर में फलने-फूलने वाले फ़ासीवादी दानवों का मुक़ाबला मज़दूर वर्ग की फौलादी एकजुटता से ही किया जा सकता है। हमें यह समझना ही होगा कि भगवा फ़ासीवादी शक्तियाँ मेहनतकशों को धर्म और जाति के नाम पर बाँटकर मौत का जो ताण्डव रच रही हैं उससे वे अपने मरणासन्न स्वामी यानी पूँजीपति वर्ग की उम्र बढ़ाने का काम कर रही हैं। मज़दूर वर्ग को पूँजीवाद के इस मरणासन्न रोगी को उसकी क़ब्र तक पहुँचाने के अपने ऐतिहासिक मिशन को याद करते हुए फा़सिस्ट ताक़तों से लोहा लेने के लिए कमर कसनी ही होगी। नये साल में इससे बेहतर संकल्प भला क्या हो सकता है!