(अर्द्ध)कुम्भ : भ्रष्टाचार की गटरगंगा और हिन्दुत्ववादी फ़ासीवाद के संगम में डुबकी मारकर जनता के सभी बुनियादी मुद्दों का तर्पण करने की कोशिश
कुम्भ के नाम पर पूरे इलाहाबाद का भगवाकरण कर दिया गया है। भारतीय संस्कृति (जिसमें कबीर, दादू, रैदास, आदि शामिल नहीं हैं) को पुनर्जागृत करने के नाम पर गंजेड़ी-नशेेड़ी नागा बाबाओं, सामन्ती सामाजिक सम्बन्धों को गौरवान्वित करती हुई तस्वीरों और संघ से जुड़े तमाम फ़ासिस्टों की तस्वीरों से पूरे इलाहाबाद को रंग दिया गया है, जो आम जनता के बीच इस बात को स्थापित कर रहा है कि हर समस्या का समाधान अतीत में और हिन्दुत्व में है और अपने इस मिशन में संघी एक हद तक सफल भी हो रहे हैं।