Tag Archives: राजू कुमार

काँवड़ यात्रियों के नाम पर योगी सरकार का एक और फ़ासिस्ट आदेश

इस बेहूदा आदेश के पीछे मुस्लिम दुकानदारों के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे स्वामी यशवीर नाम के एक ढोंगी बाबा का हाथ है। इस घोर साम्प्रदायिक व्यक्ति ने आरोप लगया है कि “ये लोग खाने में थूक रहे हैं और मूत्र भी कर रहे हैं।” ऐसे अपराधी की जगह सीधे जेल में होनी चाहिए थी लेकिन फ़ासिस्ट भाजपा उसे सर-आँखों पर बैठाकर उसके वाहियात आरोपों की बिना पर लोगों का कारोबार बन्द करा रही है और कांवड़ के नाम पर रास्ते पर भर गुण्डागर्दी और आवारागर्दी करने वालों के लिए आसान बना रही है कि वे मुस्लिम नामों की पहचान करके उन दुकानों को निशाना बनायें।

तरह-तरह के साधनों से फ़ासीवादी नफ़रती विचारधारा का प्रचार करने में लगा है संघ परिवार

कुछ सात-आठ महीनों के दौरान एक नया स्टीकर का ट्रेण्ड उभर कर सामने आया है। इस स्टीकर का नाम है ‘हिन्दू’ और उसके साथ भगवा झण्डा!  इस स्टीकर का चलन पिछले सात-आठ महीनों में इतना तेज़ी से बढ़ा है जो अपने आप में अभूतपूर्व है। एक न्यूज वेबसाइट न्यूज लाण्ड्री की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के बहुत से स्टीकर बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि एक महीने में इस स्टीकर ‘हिन्दू’ की बिक्री लगभग 20 हज़ार से 25 हज़ार आराम से हो जाती है। अब आप सोच सकते हैं कि जब एक अकेले दिल्ली शहर का यह हाल है तो पूरे देश भर में रोज़ इस प्रकार के कितने स्टीकर बिक रहे होंगे।

गोरखपुर में फ़र्टिलाइज़र कारख़ाने का गोरखधन्धा

सवाल यह उठता है कि शेष 706 कर्मचारी बिना सेवा समाप्त हुए कहाँ गये? इन कर्मचारियों ने न तो वीएसएस लिया और न ही उनकी सेवा समाप्त की गयी और न ही वो फ़र्टिलाइज़र में कार्यरत हैं, और न ही इन कर्मचारियों का कोई रेकॉर्ड उपलब्ध है।

वीएसएस के बारे में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार मन्त्रालय ने साफ़ कहा कि मन्त्रालय में वीएसएस जैसा कोई नियम है ही नहीं। इसकी जगह कर्मचारियों को सेवामुक्त होने के लिए वीआरएस 1972 से लागू है। सुप्रीम कोर्ट की फ़ाइल से प्राप्त सूचना में वीएसएस जैसा कोई नियम नहीं है, जबकि वीआरएस का प्रावधान ज़रूर है।