काँवड़ यात्रियों के नाम पर योगी सरकार का एक और फ़ासिस्ट आदेश

राजू

शायद आप जानते हों कि हिटलर के शासन में जर्मनी में यहूदियों के घरों पर निशान लगा दिये जाते थे ताकि उन्हें फ़ौरन पहचान लिया जाये। अब ऐसा ही एक फ़ासिस्ट आदेश उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिया है कि कांवड़ यात्रा के मार्ग में सभी होटल-ढाबों का नाम और साथ ही मालिक का नाम भी लिखना होगा। इसका सीधा मतलब है कि मुसलमानों को अपने नाम साफ़ लिखने होंगे ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।

मुज़फ़्फ़रनगर के पुलिस अधीक्षक ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि किसी को गलतफ़हमी न हो। कहने को तो देश का संविधान धर्म और जाति के नाम पर किसी भी तरह के भेदभाव पर रोक लगाता है, लेकिन भाजपा के शासन में संविधान और सेकुलरिज़्म की बातों की असलियत यही है।

कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली मांस व अण्डे की सभी दुकानें भी बन्द रहेंगी। पिछले साल मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाले सभी मुसलमान मालिकों के होटल बन्द करा दिये गये थे। इनमें वे शाकाहारी होटल भी शामिल थे जहाँ खाने में प्याज-लहसुन भी नहीं डाला जाता था।

इस बेहूदा आदेश के पीछे मुस्लिम दुकानदारों के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे स्वामी यशवीर नाम के एक ढोंगी बाबा का हाथ है। इस घोर साम्प्रदायिक व्यक्ति ने आरोप लगया है कि “ये लोग खाने में थूक रहे हैं और मूत्र भी कर रहे हैं।” ऐसे अपराधी की जगह सीधे जेल में होनी चाहिए थी लेकिन फ़ासिस्ट भाजपा उसे सर-आँखों पर बैठाकर उसके वाहियात आरोपों की बिना पर लोगों का कारोबार बन्द करा रही है और कांवड़ के नाम पर रास्ते पर भर गुण्डागर्दी और आवारागर्दी करने वालों के लिए आसान बना रही है कि वे मुस्लिम नामों की पहचान करके उन दुकानों को निशाना बनायें।

हाईवे पर चलने वाले चंडीगढ़ दा ढाबा के मैनेजर अफ़सर अली ने ढाबा बन्द करने की वजह बताते हुए कहा, “स्वामी यशवीर ने हम पर कई तरह के आरोप लगा दिए। कहा कि हम खाने में थूक देते होंगे या पेशाब कर देते होंगे। हालाँकि काउंटर पर बैठा इंसान भले ही मुस्लिम था लेकिन हमारा पूरा स्टाफ़ हिन्दू ही था.”

जिन लोगों को लग रहा था कि लोकसभा चुनाव में सीटें कम होने के बाद भाजपा और आरएसएस “सुधर” जायेंगे या ठण्डे पड़ जायेंगे, उन्हें अब अपने भ्रम दूर कर लेने चाहिए। पिछले एक महीने में ही देश में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएँ हो चुकी हैं। अभी पूरे देश ने देखा कि किस तरह महाराष्ट्र में भाजपाई गुण्डों की एक भीड़ सरेआम एक मस्जिद पर चढ़कर उसे तोड़ने की कोशिश करती रही और पुलिस खड़ी तमाशा देखती रही।

अब भी वक़्त है, इस ख़ुशफ़हमी से निकलिए कि मुहब्बत की दुकानों से संघी गुण्डे शराफ़त का इत्र ख़रीदकर सुधर जायेंगे। हमें इनका मुकाबला सड़कों पर करने के लिए तैयार होने होगा। आने वाले दिनों में यह सच्चाई और भी साफ़ होती जायेगी।

 

मज़दूर बिगुल, जुलाई 2024


 

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