कृषि अध्यादेशों का विरोध मज़दूर वर्ग और ग़रीब किसान वर्ग किस ज़मीन से करेगा?
हमारे देश में क्रान्तिकारी कम्युनिस्ट आन्दोलन आज एक संकट का शिकार है। देश में फ़ासीवादी उभार और दुनिया भर में किसी समाजवादी शिविर की ग़ैर-मौजूदगी के कारण आज के दौर में उन क्रान्तिकारियों के पास उत्साह के स्रोतों का अभाव है, जो विज्ञान की समझ और उस पर भरोसे से अपने आशावाद को ग्रहण करते, बल्कि ठोस मिसालों, घटनाओं या नेताओं की मौजूदगी से अपने आशावाद को पालते-पोसते हैं। आज की दुनिया में उनके पास ऐसी कोई ठोस मिसाल नहीं है। नतीजतन, वे अपने आशावाद के लिए हर प्रकार के अवांछनीय स्रोतों पर जाते हैं। कुछ मिसालों से समझिए।