दिल्ली के मौत के कारख़ानों का कहर जारी : अब नवादा की क्रॉकरी फैक्ट्री में आग लगने से कम से कम 3 मज़दूरों की मौत
दिल्ली के तमाम औद्योगिक क्षेत्रों में मज़दूरों के हालात बेहद खराब है। सभी श्रम क़ानूनों को ताक पर रख कर मज़दूरों से अमानवीय परिस्तिथियों में काम करवाया जाता है और उन्हें जानभूझ कर मौत के मुँह में धकेला जाता है। बिगुल मज़दूर दस्ता के कार्यकर्ता नवादा के मज़दूरों की इस हड़ताल में शुरू से शिरकत कर रहे हैं। बिगुल के साथी अनंत ने बताया कि अब तक इस आग में जल कर मरने वाले मज़दूरों के फैक्ट्री मालिक को गिरफ़्तार तक नहीं किया गया है उल्टा जब से मज़दूर फैक्टरियों के बाहर इकठ्ठा हो रहे हैं तब से वहाँ अधिक संख्या में पुलिसबल तैनात किया जा रहा है और मज़दूरों की हड़ताल को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ज़्यादातर मज़दूरों के पास कोई पहचान पत्र तक नहीं है और न ही इलाके की किसी भी फैक्ट्री में न्यूनतम वेतन दिया जाता है। लगभग 500 मज़दूर अभी भी फैक्टरियों के बाहर है और अपने अधिकारों के लिए लड़ रहें हैं।