Category Archives: घोटाला

दिव्य महाकुम्भ में भव्य भ्रष्टाचार

‘हिन्दू राष्ट्र’ के कुम्भ के धार्मिक आयोजन में मज़दूरों और मेहनतकशों की यही जगह है क्योंकि स्वयं इनके ‘हिन्दू राष्ट्र’ में मज़दूरों की यही जगह है, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो। धन्नासेठ, अमीरज़ादे, ऐय्याश धनपशु अपना पापनाश कर सकें, उसके लिए मज़दूरों को अपनी हड्डियाँ-हाड़ गलाना ही होगा, चाहे उनका ही नाश क्यों न हो जाये! मोदी-योगी के चमचे बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के अनुसार, अमीरज़ादों के पापनाश की नौटंकी में अगर मज़दूर और आम जनता मरते हैं, तो उन्हें मोक्ष प्राप्त हो जाता है! जो मज़दूर संघ परिवार, मोदी और योगी के ‘हिन्दू राष्ट्र’ में दास और सेवक जैसी हालत में अपना शोषण, उत्पीड़न और दमन करवाने को मोक्ष समझते हैं, उनसे हम क्या ही कह सकते हैं। लेकिन जिन मज़दूरों के भीतर आत्मसम्मान, गरिमा और अपने अधिकारों का बोध है, वे जानते हैं कि इस ‘हिन्दू राष्ट्र’ की सच्चाई केवल मालिकों, धनपशुओं, ठेकेदारों, व्यापारियों की लूट के तहत देश के मेहनतकश अवाम को निचोड़ने की व्यवस्था है। इसपर ही धर्म की चादर चढ़ाई जाती है, ताकि हम इस लूट और शोषण को इहलोक में अपना कर्म मानकर चुपचाप इसे सहते रहें, इस आशा में कि परलोक में मोक्ष प्राप्त होगा! आपको समझ लेना चाहिए कि ये बातें केवल आपको बेवकूफ़ बनाने का तरीक़ा हैं।

एबीजी शिपयार्ड घोटाला : पूँजीवाद अपने आप में ही भ्रष्टाचार का अन्तहीन चक्र है!

जब से मोदी सरकार आयी है तब से बैंक धोखाधड़ी की ख़बर बहुत आम-सी हो गयी है। ये धोखाधड़ी की घटनाएँ भी दिन दूनी रात चौगुनी तरक़्क़ी करती जा रही हैं। 2015 में विजय माल्या का नौ हज़ार करोड़ का घोटाला सामने आया था! 2018 में नीरव मोदी का चौदह हज़ार करोड़ का घोटाला सामने आया और अब 2022 में तेईस हज़ार करोड़ का घोटाला सामने आया है।

पीएम केयर्स फ़ण्‍ड : एक और महा-घोटाला!

पूरा देश कोरोना वायरस की वजह से त्रस्त है। करोड़ों मेहनतकश परिवार भुखमरी के कगार पर पहुँच गये हैं। देशभर में भूख से कई मौतें हो चुकी हैं। सरकार और कारख़ाना मालिकों के पल्ला झाड़ लेने के बाद तमाम औद्योगिक शहरों से सैकड़ों किलोमीटर चलकर भूख और पुलिस का ज़ुल्म सहते हुए, अपने बच्चों की मौत तक देखते हुए जो मज़दूर अपने घर पहुँच गये, उनके साथ भुखमरी भी पहुँच गयी है। जो मज़दूर कहीं बीच में या राज्यों के बार्डर पर रोक लिये गये हैं, उन्‍हें जिन कैम्पों में रखा गया है वहाँ की हालत बहुत ख़राब है। डॉक्टरों तक के लिए पर्याप्त सुरक्षा किट नहीं है। लेकिन इसी बीच भाजपा ने कोरोना से निपटने के नाम पर अब एक बड़ा खेल खेला है।

चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर आपको क्यों चिन्तित होना चाहिए?

इस बात को मानने के स्पष्ट कारण हैं कि भाजपा ने इस चुनाव में अत्यन्त कुशलता के साथ, और योजनाबद्ध ढंग से, चुनी हुई सीटों पर ईवीएम में गड़बड़ी का खेल खेला है। जिन लोगों ने फ़ासिस्टों के सिद्धान्त और आचरण का अध्ययन किया है, वे जानते हैं कि फ़ासिस्ट सत्ता तक पहुँचने के लिए धार्मिक-नस्ली-अन्धराष्ट्रवादी उन्माद उभाड़ने के साथ ही किसी भी स्तर तक की धाँधली और अँधेरगर्दी कर सकते हैं। अगर कोई धाँधली थी ही नहीं, तो इतनी बदनामी झेलकर सुप्रीम कोर्ट और केन्द्रीय चुनाव आयोग के सारे नख-दन्त तोड़कर बिल्कुल पालतू बना देने की ज़रूरत ही क्या थी?