मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल : पूँजीपतियों को रिझाने के लिए रहे-सहे श्रम क़ानूनों की धज्जियाँ उड़ाने की तैयारी
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान पूँजीपति वर्ग के सच्चे सेवक के रूप में काम करते हुए तमाम मज़दूर-विरोधी नीतियाँ लागू कीं। हालाँकि अपने असली चरित्र को छिपाने और मज़दूर वर्ग की आँखों में धूल झोंकने के लिए नरेन्द्र मोदी ने ख़ुद को ‘मज़दूर नम्बर वन’ बताया और ‘श्रमेव जयते’ जैसा खोखले जुमले दिये, लेकिन उसकी आड़ में मज़दूरों के रहे-सहे अधिकारों पर डाका डालने का काम बदस्तूर जारी रहा।