मज़दूर विरोधी आर्थिक सुधारों के खि़लाफ़ ब्राज़ील के करोड़ों मज़दूर सड़कों पर उतरे
28 अप्रैल 2017 को ब्राज़ील में इस देश की अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल हुई है। सभी 26 राज्यों और फे़डर्ल जि़ले में हुई हड़ताल में साढ़े तीन करोड़ मज़दूरों ने हिस्सा लिया है। अगले दिनों में भी ज़ोरदार प्रदर्शन हुए हैं। मई दिवस पर बड़े आयोजन किये गये हैं। इन प्रदर्शनों में अनेकों जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में तीखी झड़पें हुई हैं। पुलिस ने जगह-जगह प्रदर्शनों को रोकने के लिए पूरा ज़ोर लगाया, लेकिन अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरे मज़दूरों के सामने पुलिस की एक न चली। गोलीबारी, आँसू गैस, गिरफ़्तारियाँ, बैरीकेड – पुलिस ने मज़दूरों को रोकने के लिए बहुत कुछ अाज़माया, लेकिन मज़दूरों का सैलाब रोके कहाँ रुकता था। सड़कें जाम कर दी गयीं। पुलिस के बैरीकेड तोड़ फेंके गये। गाँवों में ट्रैक्टरों से गलियाँ बन्द कर दी गयीं। ‘‘भूतों’’ से पीछा छुड़ाते हुए टेमेर जिस नये घर में आया है, वहाँ ज़ोरदार प्रदर्शन हुआ। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो ज़बरदस्त पथराव के ज़रिये जवाब दिया गया।