कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हॉस्टल मैस कर्मचारियों का संघर्ष जि़न्दाबाद!
40-40 साल से काम करने वाले ये कर्मचारी आज भी 5-5 हज़ार पर काम करने के लिए मजबूर हैं। इतने सालों के दौरान काम करते-करते बहुत साथियों की मृत्यु भी हो चुकी है और बहुत साथी आज भी यहाँ इतनी कम तनख्वाह पर काम कर रहे हैं। इन मैस कर्मचारियों ने अपनी यूनियन के तहत 2007 में लेबर कोर्ट में केस डाला कि हम इतने दिनों से विश्वविद्यालय में काम कर रहे हैं तो हमें विश्वविद्यालय का कर्मचारी घोषित किया जाये और हमें यहाँ काम पर पक्का किया जाये। अन्ततः 2010 में लेबर कोर्ट ने हॉस्टल मैस कर्मचारियों के हक़ में फ़ैसला सुना दिया।