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(मज़दूर बिगुल के दिसम्बर 2021 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
समसामयिक
किसान-प्रश्न
क्रान्ति का विज्ञान
मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? / सनी
ज्वलन्त मुद्दे
नमाज़ को लेकर संघियों का उत्पात : फ़ासीवादी ताक़तों द्वारा जनता को बाँटने की नयी साज़िश! / केशव आनन्द
फ़ासिस्टों के “रामराज्य” में स्त्रियों के विरुद्ध बढ़ते बर्बर अपराध; एकजुट और निरन्तर संघर्ष ही रास्ता है!
भाजपा के “रामराज्यों” में दलितों के ख़िलाफ़ बढ़ती बर्बर हिंसा! / भारत
पर्यावरण
पर्यावरण और मज़दूर वर्ग / भारत
सी.ओ.पी-26 की नौटंकी और पर्यावरण की तबाही पर पूँजीवादी सरकारों के जुमले / भारत
संघर्षों के बीच
महाराष्ट्र में परिवहन निगम कर्मचारियों का आन्दोलन : एक रिपोर्ट / अविनाश
कारख़ाना इलाक़े से
कला-साहित्य
‘आदिविद्रोही’ : आज़ादी और स्वाभिमान के संघर्ष की गौरव-गाथा / शीलभद्र
महान शिक्षकों की क़लम से
चीनी क्रान्ति के नेता और मज़दूर वर्ग के महान शिक्षक माओ त्से-तुङ के जन्मदिवस (26 दिसम्बर) के अवसर पर; क्रान्तिकारी जनदिशा के बारे में कुछ ज़रूरी उद्धरण
फ़ासिस्टों को धूल चटाने वाले मज़दूर वर्ग के महान क्रान्तिकारी नेता और शिक्षक जोसेेफ़ स्तालिन के जन्मदिवस (21 दिसम्बर) के अवसर पर; कम्युनिस्ट कार्यशैली के बारे में एक महत्त्वपूर्ण उद्धरण
गतिविधि रिपोर्ट
चण्डीगढ़ में मज़दूरों के बीच सघन प्रचार अभियान
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन