लुधियाना पुलिस कमिशनरी में धरना-प्रदर्शनों पर पाबन्दी के ख़िलाफ़ व्यापक संघर्ष का ऐलान
अपनी समस्याएँ हल न होने पर लोगों को मज़बूरीवश विभिन्न सरकारी अधिकारियों के दफ़्तरों, संसद-विधानसभा मैम्बर, मेयर, काऊंसलर, थाना, चौकी, सड़कों आदि पर प्रदर्शन करने पड़ते हैं। हक़ों के लिए इकट्ठा होना और आवाज़ बुलन्द करना लोगों का जनवादी ही नहीं बल्कि संवैधानिक हक़ भी है। भारतीय संविधान की धारा 19 के तहत लोगों को अपने विचारों और हक़ों के लिए संगठित होने व संघर्ष करने की आज़ादी है। यह हुक्म लोगों के संवैधानिक व जनवादी अधिकार का हनन है।