क्या ईवीएम सचमुच अभेद्य है?
विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि चुनाव आयोग की जानकारी के बिना बड़ी संख्या में छेड़छाड़ की गयी या नकली ईवीएम को असली ईवीएम से बदलना तीन चरणों में सम्भव है। पहला, ईवीएम निर्माण करने वाली कम्पनियों भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड (ईसीआईएल) में ईवीएम-निर्माण चरण में; दूसरा, गैर-चुनाव अवधि के दौरान जिला स्तर पर जब ईवीएम को अपर्याप्त सुरक्षा प्रणालियों के साथ कई स्थानों पर पुराने गोदामों में संग्रहीत किया जाता है; और तीसरा, चुनाव से पहले प्रथम-स्तरीय जाँच के चरण में जब ईवीएम की सेवा बीईएल और ईसीआईएल के अधिकृत तकनीशियनों द्वारा की जाती है।