मज़दूर स्त्रियों का फ़ैक्ट्री जाना मज़दूर वर्ग के लिए अच्छी बात है!
हमारे आसपास ऐसे तमाम उदाहरण हैं जिनमें स्त्रियों ने मजबूरी में फ़ैक्ट्री जाना शुरू किया या अपनी आज़ादी के लिए गर्व से यह रास्ता चुना। मज़दूर मुक्ति के लिए ज़रूरी है कि स्त्रियाँ आत्मनिर्भर हों, और पुरुषों के कन्धे से कन्ध मिलाकर चलें। यदि हम आधी आबादी को क़ैद करके रखेंगे या ग़ुलाम बनाकर रखेंगे तो हम भी पूँजीवाद की बेड़ियों से आज़ाद नहीं हो पायेंगे। इसलिए मज़दूर स्त्रियों का फ़ैक्ट्री जाना मज़दूर वर्ग के लिए अच्छी बात है।
















