हड़ताल: मेट्रो के सफ़ाईकर्मियों ने शोषण के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलन्द की
नई दिल्ली में दिलशाद गार्डन स्टेशन पर 30 अगस्त को ए टू ज़ेड ठेका कम्पनी के सफ़ाईकर्मियों ने श्रम क़ानूनों के उल्लंघन के ख़िलाफ़ हड़ताल की जिसका नेतृत्व दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन ने किया। इसमें दिलशाद गार्डन, मानसरोवर तथा झिलमिल मेट्रो स्टेशन के 60 सफ़ाईकर्मी शामिल थे। मेट्रो सफ़ाईकर्मियों का आरोप है कि ठेका कम्पनी तथा मेट्रो प्रशासन श्रम कानूनों को ताक पर रख कर मज़दूरों का शोषण कर रहे हैं जिससे परेशान होकर सफ़ाईकर्मियों ने हड़ताल पर जाने का रास्ता अपनाया। सफ़ाईकर्मी अखिलेश ने बताया कि देश में महँगाई चरम पर है और ऐसे में कर्मचारियों को अगर न्यूनतम वेतन भी न मिले तो क्या हम भूखे रहकर काम करते रहें? जीने के हक़ की माँग करना क्या ग़ैर क़ानूनी है? आज जब दाल 80 रुपये किलो, तेल 70 रुपये किलो, दूध 40 रुपये किलो पहुँच गया है तो मज़दूर इतनी कम मज़दूरी में परिवार का ख़र्च कैसे चला पायेगा?