बादाम मज़दूर यूनियन के संयोजकों पर हमला, पुलिस ने गुण्डो की जगह संयोजकों को ही गिरफ्तार किया
पुलिस की इस अंधेरगर्दी से पूरे क्षेत्र के मज़दूरों में गुस्से की लहर दौड़ गयी। इस पूरे इलाके में क़रीब 25,000 मज़दूर बादाम तोड़ने का काम करते हैं। इन मज़दूरों के ठेकेदार बेहद निरंकुश हैं और क़रीब-क़रीब मुफ्त में मज़दूरों से काम करवाने के आदि हैं। बादाम मज़दूर यूनियन ने गुण्डों द्वारा मारपीट और पुलिस की मालिक परस्त भूमिका की तीखे शब्दों में निंदा की है। यूनियन ने बताया कि कल एक प्रतिनिधिमण्डल पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा। युनियन का कहना हैकि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे आन्दोलनात्मक रुख अपनाने के लिए तैयार रहेंगे।


















