कहानी – टूटन / आशीष
जब अपनी अम्मी का ज़िक्र किया तो उसकी आँखें छलछला गयीं – बहुत छोटी-सी उम्र थी तब कैसे उसकी झुग्गी तोड़ दी गयी, मध्य-दिल्ली से काफ़ी सुदूर बवाना में एक जगह उसके बाप को मिली। यहाँ बसने के तीन महीने बाद उसके भाग्य पर ठनका गिरा, साँप के काटने से उसकी अम्मी गुज़र गयीं। दो साल बाद उसकी इकलौती बड़ी आपी रफ़त जहाँ ने एक ड्राइवर शमशाद के साथ भागकर निकाह कर लिया। अब घर में अब्बू और उसके सिवा कोई नहीं था।