क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 9 : माल से मुद्रा तक
मुद्रा एक रहस्यमयी चीज़ होती है। यह जिसकी जेब में पर्याप्त मात्रा में होती है, वह अपने आपको शक्तिशाली और दुनिया का राजा महसूस करता है। लेकिन वह भी इससे डरता है, इसकी पूजा-अर्चना करता है कि यह उसकी जेब में बनी रहे। जिसके पास यह नहीं होती वह भी इसकी शक्तियों के सामने नतमस्तक होता है और मनाता रहता है उसकी जेब में भी लक्ष्मी का प्रवेश हो जाये। लेकिन आख़िर यह मुद्रा चीज़ क्या है? इसकी इस रहस्यमयी शक्ति के पीछे का रहस्य क्या है? इस बात को समझने के लिए भी हमें माल और माल उत्पादन को समझना होगा। हमें मूल्य और विनिमय-मूल्य के रिश्तों के बारे में समझना होगा। इस दिशा में कुछ शुरुआती क़दम हम उठा चुके हैं। अब आगे बढ़ते हैं। लेकिन इसके लिए संक्षेप में थोड़ा पीछे जाते हैं।