मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (नवीं किश्त)
मार्क्स-एंगेल्स के नेतृत्व में ही कई देशों में मज़दूर पार्टियाँ अस्तित्व में आई। हालाँकि अभी भी विजातीय प्रवृतियों का प्रभाव मौजूद था जिसके ख़िलाफ़ मार्क्स-एंगेल्स ने तीखा संघर्ष छेड़ा। मार्क्स-एंगेल्स ने यूरोप के मज़दूर आन्दोलन के नेतृत्व में मौजूद जर्मन मज़दूरों और उनकी पार्टी के गठन, उसकी विचारधारा, कार्यक्रम और उसके ढाँचे पर जो कहा वह मज़दूर वर्ग की पार्टी के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण सबक हैं। जर्मनी में मज़दूर वर्ग की ऐसी मज़दूर पार्टी खड़ी हुयी जो मार्क्सवादी नज़रिये के क़रीब थी। इसका कारण जर्मनी के मज़दूर आन्दोलन में निहित हैं।