पूँजीवादी गणतन्त्र के जश्न में खो गयीं मुनाफ़े की हवस में मारे गये मज़दूरों की चीख़ें
26 जनवरी की पूर्व संध्या पर देश की राजधानी में 61वें गणतन्त्र की तैयारियाँ ज़ोर-शोर से चल रही थीं। ठीक उसी वक्त दिल्ली के तुगलकाबाद में चल रही अवैध फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 12 मज़दूर मारे गये और 6 से ज्यादा घायल हो गए। बेकसूर मज़दूरों की मौत देश के शासक वर्ग के जश्न में कोई ख़लल न डाल सके, इसके लिए मज़दूरों की मौत की इस ख़बर को दबा दिया गया। कुछ दैनिक अख़बारों ने खानापूर्ति के लिए इस घटना की एक कॉलम की छोटी-सी ख़बर दे दी। वह भी न जाने ज़नता के सामने इस घटना को लाने के लिए दी थी, या कारख़ाना मालिक से अपना हिस्सा लेने के लिए।



















