कम बुरा विकल्प नहीं, सच्चे क्रान्तिकारी विकल्प को चुनो!
यह सच है कि पूँजीवादी चुनाव ही अपने आप में मज़दूर वर्ग के ऐतिहासिक कार्यभारों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। समूची आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में आमूलगामी व क्रान्तिकारी बदलाव के बिना हमें बेरोज़गारी, भूख, महँगाई से स्थायी तौर पर निजात नहीं मिल सकती है। लेकिन पूँजीवादी चुनावों में मज़दूर वर्ग का स्वतन्त्र राजनीतिक पक्ष अनुपस्थित रहने के कारण समाज में जारी वर्ग संघर्ष में मज़दूर वर्ग कमज़ोर पड़ता है, वह पूँजीपति वर्ग का पिछलग्गू बनता है और साथ ही वह अपने उन अधिकारों को भी नहीं हासिल कर पाता है जिन्हें पूँजीवादी व्यवस्था के दायरे के भीतर हासिल किया जा सकता है जैसे कि आठ घण्टे का कार्यदिवस, न्यूनतम मज़दूरी, आवास का अधिकार आदि। इन हक़ों को सुनिश्चित करने के लिए ‘क्रान्तिकारी मज़दूर मोर्चा’ की ओर से मज़दूर वर्ग के स्वतन्त्र पक्ष को पेश करने की एक शुरुआत की जा रही है।






















