मई दिवस पर याद किया मज़दूरों की शहादत को
बिगुल संवाददाता
गोरखपुर
नौजवान भारत सभा, बिगुल मज़दूर दस्ता और अखिल भारत नेपाली एकता मंच ने मिलकर अन्तरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस मनाया और भारत एवं नेपाल की मेहनतकश जनता के भाईचारे को और मज़बूत बनाने का संकल्प लिया।
मई दिवस के दिन सुबह ही गोरखपुर की सड़कें ”दुनिया के मज़दूरों एक हो”, ”मई दिवस ज़िन्दाबाद”, ”साम्राज्यवाद-पूँजीवाद का नाश हो”, ”भारत और नेपाली जनता की एकजुटता ज़िन्दाबाद”, ”इंकलाब ज़िन्दाबाद” जैसे नारों से गूँज उठीं। नगर निगम परिसर में स्थित लक्ष्मीबाई पार्क से शुरू हुआ मई दिवस का जुलूस बैंक रोड, सिनेमा रोड, गोलघर, इन्दिरा तिराहे से होता हुआ बिस्मिल तिराहे पर पहुँचकर सभा में तब्दील हो गया। जुलूस में शामिल लोग हाथों में आकर्षक तख्तियाँ लेकर चल रहे थे जिन पर ”मेहनतकश जब जागेगा, तब नया सवेरा आयेगा”, ”मई दिवस का है पैगाम, जागो मेहनतकश अवाम” जैसे नारे लिखे थे।
बिस्मिल तिराहे पर सभा में नौजवान भारत सभा के प्रशान्त ने कहा कि करीब सवा सौ साल पहले इंसाफ और बराबरी पर आधारित नया समाज बनाने का सपना देखते हुए शिकागो के मज़दूर नेताओं ने फांसी का फन्दा चूमा था। इस लम्बे अरसे के दौरान दुनिया के बहुत बड़े भाग में मेहनतकशों ने अपना राज कायम करके दिखा दिया कि पूँजीवादी शोषण से मुक्त एक सुन्दर समाज का निर्माण सम्भव है। मज़दूर आन्दोलन के ग़द्दारों और भितरघातियों की वजह से पूँजीपतियों का राज कायम हो गया और आज भी लाल झण्डा उड़ाने वाले नकली कम्युनिस्ट मज़दूर आन्दोलन की राह के सबसे बड़े रोड़े बने हुए हैं।
नौभास के अपूर्व तथा अवधेश ने मज़दूरों का आह्नान किया कि वे चुनावी पार्टियों की पिछलग्गू यूनियनों के जाल में फँसने के बजाय अपनी स्वतन्त्र यूनियनें गठित करें।
अखिल भारत नेपाली एकता मंच के केन्द्रीय सलाहकार एम.पी. शर्मा ने भारत और नेपाल की मेहनतकश जनता के भाईचारे को याद करते हुए कहा कि नेपाल में क्रान्तिकारी शक्तियों की जीत से बौखलाये प्रतिक्रियावादी इस एकता और भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं पर उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी। अखिल भारत नेपाली एकता मंच के अविनाश थापा और रंजन केसी ने भी सभा को सम्बोधित किया। सभा का संचालन नौभास के प्रमोद ने किया।
दिल्ली
यहाँ बिगुल मज़दूर दस्ता और बादाम मज़दूर यूनियन की ओर से करावल नगर इलाके में मज़दूरों के बीच छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएँ करते हुए पर्चे बाँटे गये। इन पर्चों में मज़दूरों का आह्नान किया गया था कि वे मई दिवस की क्रान्तिकारी विरासत को याद करें तथा निराशा और बिखराव से उबरकर अपने जुझारू संगठन बनाने के लिए आगे आयें।
लुधियाना
अन्तरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस के अवसर पर मई दिवस के महान शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कारख़ाना मज़दूर यूनियन लुधियाना और नौजवान भारत सभा की ओर से लुधियाना की चण्डीगढ़ रोड पर स्थित ई. डब्ल्यू. एस. कालोनी में मई दिवस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कालोनी के निवासियों सहित लुधियाना के अन्य इलाकों से मज़दूर व नौजवान मई दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुँचे।
सबसे पहले लाल झण्डा पफहराकर मई दिवस के शहीदों को इंकलाबी सलामी दी गयी। इसके साथ ही ‘मई दिवस के शहीद अमर रहें’, ‘अमर शहीदों का पैग़ाम, जारी रखना है संग्राम’, ‘दुनिया के मज़दूरो एक हो’, ‘इंकलाब ज़िन्दाबाद’ आदि इंकलाबी नारों के साथ आसमान गूँज उठा। क्रान्तिकारी मज़दूर शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया।
कारख़ाना मज़दूर यूनियन लुधियाना के संचालक राजविन्दर ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मई दिवस के शहीदों की शहादत हमें मालिकों के खि़लाफ अपने हक-अधिकारों की जंग जारी रखने के लिए ललकार रही है। उन्होंने कहा कि मई दिवस के शहीदों का पैग़ाम हमें हमेशा याद रखना होगा कि मज़दूरों ने आज तक जो भी हासिल किया है वह लुटेरों के खि़लाफ लड़कर हासिल किया है न कि किसी ने रहम खाते हुए भेंट किया है। उन्होंने कहा कि आज के दिन मई दिवस के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि यही हो सकती है कि हम उनके इस पैग़ाम पर अमल करते हुए अपने हक-अधिकारों को हासिल करने के लिए मज़दूरों और अन्य शोषित वर्गों को जगायें, संगठित करें और संघर्ष की राह चलें।
‘बिगुल’ के सम्पादक सुखविन्दर ने कहा कि मौजूदा हालात बता रहे हैं कि पूँजीवाद अमर नहीं है। इसे तबाह होना ही होगा। और इसकी तबाही एक ही वर्ग के हाथों होगी और वह है मज़दूर वर्ग। उन्होंने कहा कि मौजूदा विश्वव्यापी आर्थिक संकट ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि पूँजीवादी व्यवस्था के अन्तरविरोध इतने गहरे हैं कि इनका हल असम्भव है। अगर मानवता को ग़रीबी, लूट, अन्याय, ग़ैरबराबरी, तबाही-बरबादी से निकालना है तो पूँजीवाद को तबाह होना होगा। उन्होंने कहा कि चुनावों के ज़रिये बदलाव नहीं आ सकता। चुनाव तो सिर्फ शासन करने वाले व्यक्तियों में बदलाव ला सकता है, न कि व्यवस्था में। लुटेरी व्यवस्था की तबाही चुनाव के नहीं इन्व़फलाब के ज़रिये होगी। उन्होंने कहा कि मई दिवस के शहीदों को महज़ रस्मी तौर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का कोई मतलब नहीं। श्रद्धांजलि देने का अर्थ है कि हम उन शहीदों की कुर्बानियों को सच्चे दिल के याद करते हुए अपनी अन्तरात्मा को आवाज़ दें और उनके देखे हुए शोषण रहित समाज के सपने को साकार करने का प्रण लें।
सभा को कारख़ाना मज़दूर यूनियन लुधियाना के समिति सदस्य लखविन्दर और नौजवान भारत सभा की पंजाब कमेटी के संचालक परमिन्दर, जनवादी अधिकार सभा की पंजाब समिति के सदस्य डा. हरबंस गरेवाल, कालोनी निवासी गिरधारी लाल ने भी सम्बोधित किया। मंच संचालन कारख़ाना मज़दूर यूनियन के खजांची अजयपाल ने किया।
अन्त में सभा में एकत्र हुए सभी लोगों ने इंकलाबी नारे लगाते हुए कालोनी में पैदल मार्च निकाला।
बिगुल, मई 2009
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन