नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा और मेहनतक़श जनता के लिए इसके निहितार्थ
जापानी कम्पनियाँ मज़दूरों की हड्डियाँ निचोड़ने में कितनी बेरहम होती हैं, श्रम कानूनों को किस प्रकार वे ताक पर धर देती हैं और इन कम्पनियों के हड़ताली मज़दूरों को कुचलने में भारत सरकार किस प्रकार बर्बर दमन का रुख अपनाकर जापानी साम्राज्यवाद की सेवा करती है, यह पिछले वर्षों होण्डा, मारुति और कई अन्य जापानी कम्पनियों में चले मज़दूर संघर्षों के दौरान देखा जा चुका है। आने वाले दिनों में मज़दूरों के अतिशोषण और विरोध में उठने वाली हर आवाज़ के बर्बर दमन का पुख्ता इंतजाम मोदी सरकार कर चुकी है और मोदी टोक्यो जाकर इसकी पक्की गारण्टी भी दे आये हैं।