कोरोना महामारी के बीच मोदी सरकार का श्रम क़ानूनों पर बड़ा हमला
जहाँ एक तरफ़ आर्थिक संकट और कोरोना महामारी के इस दौर में मेहनतकश आबादी पहले ही बेरोज़गारी, महँगाई, भुखमरी से परेशानहाल है वहीं दूसरी तरफ़ मोदी सरकार पूँजीपतियों को मज़दूरों के ख़ून का एक-एक कतरा निचोड़ लेने के लिये बचे-खुचे श्रम क़ानूनों को ख़त्म करने में बुलेट ट्रेन की स्पीड से लग गयी है। वैसे तो उदारीकरण की नीतियों के लागू होने के बाद से ही श्रम क़ानूनों को कमज़ोर बनाने का काम अन्य सरकारों ने भी किया है लेकिन मोदी सरकार उन्हें पूरी तरह ख़त्म कर देने पर आमादा है।