खाड़ी देशों में प्रवासी मज़दूरों के नारकीय हालात से उपजा एक और हादसा
खाड़ी के देशों में प्रवासी मज़दूरों के लिये कफ़ाला प्रणाली मौजूद है। कफ़ाला प्रणाली क़ानूनों और नीतियों का एक समुच्चय है जो प्रवासी मज़दूरों पर नियन्त्रण रखने के लिये ही बनाया गया है। इसके तहत कोई भी प्रवासी मज़दूर ठेकेदारों या मालिकों के पूर्ण नियन्त्रण में होता है। इसके अन्तर्गत मज़दूरों को देश में प्रवेश करने, वहाँ रहने और काम करने तथा वहाँ से बाहर जाने के लिये पूरी तरह से ठेकेदारों और मालिकों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। आमतौर पर अपने अनुबन्ध के पूरा होने से पहले, एक निश्चित समयावधि से पहले या अपने नियोक्ता की अनुमति के बिना वे नौकरी नहीं छोड़ सकते या उसे बदल नहीं सकते। जो लोग किसी कारण से नौकरी छोड़ते हैं, उन्हें फ़रार होने के अपराध में गिरफ़्तार तक कर लिया जाता है और कई मामलों में निर्वासित भी कर दिया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो कफ़ाला प्रणाली ठेकेदारों और मालिकों को शोषण करने की क़ानूनी इजाज़त देती है और इसके तहत मज़दूर बेहद कम तनख्वाह पर और नारकीय कार्य स्थितियों व जीवन स्थितियों में ग़ुलामों की तरह काम करने को मजबूर होते हैं।