स्त्री मुक्ति लीग, मुम्बई ने पूँजीवादी पितृसत्ता के खिलाफ आवाज़ बुलन्द करते हुए किया ‘मुक्ति के स्वर’ पुस्तकालय का उद्घाटन
पुस्तकालय के उद्घाटन के अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौक़े पर स्त्री मुक्ति संघर्ष में शामिल क्लारा ज़ेटकिन, रोज़ा लक्ज़मबर्ग, सावित्रीबाई फुले, फ़ातिमा बी शेख, प्रीतिलता वाड्डेदार, दुर्गा भाभी के साथ-साथ साथी मीनाक्षी और साथी शालिनी जैसी क्रान्तिकारी स्त्रियों की तस्वीरों के साथ ‘स्त्री मुक्ति का रास्ता, इंक़लाब का रास्ता‘, ‘जीना है तो लड़ना होगा, मार्ग मुक्ति का गढ़ना होगा’, ‘पूँजीवादी पितृसत्ता मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाते हुए रैली निकाली गयी और ‘औरत’ नाटक का मंचन किया गया।