(मज़दूर बिगुल के मई 2024 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
लोकसभा चुनाव में ईवीएम, केन्द्रीय चुनाव आयोग (केचुआ) और न्यायपालिका से सहयोग के भरोसे मोदी सरकार
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
प्रज्वल रेवन्ना सेक्स काण्ड – “धर्मध्वजाधारी” और “संस्कारी” भाजपाइयों द्वारा बलात्कारियों को प्रश्रय और संरक्षण देने की मुहिम का हुआ पर्दाफा़श! / वारुणी
चुनाव आते ही मोदी के साम्प्रदायिक बयानों, झूठों और ग़लतबयानियों की अन्धाधुन्ध बमबारी के मायने / नौरीन
विशेष लेख / रिपोर्ट
भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) द्वारा पाँच लोकसभा सीटों पर की जा रही रणकौशलात्मक भागीदारी की विस्तृत रिपोर्ट
भगतसिंह जनअधिकार यात्रा के तहत ईवीएम के ख़िलाफ़ देशभर में अभियान! / केशव
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
मई दिवस और मौजूदा दौर में मज़दूर वर्ग के समक्ष चुनौतियाँ / सनी
सामयिकी
सामाजिक-आर्थिक विषमता दूर करने के कांग्रेस के ढपोरशंखी वायदे और मोदी की बौखलाहट / विवेक
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
अ टेल ऑफ़ टू सिटीज़ (दो शहरों की कहानी): सूरत और इन्दौर की लोकसभा सीट जीतने के लिए भाजपा का षड्यंत्रकारी हथकण्डा / विवेक
लेखमाला
क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षणमाला – 20 : पूँजीवादी संचय का आम नियम / अभिनव
मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (छठी किस्त) / सनी
मज़दूर आन्दोलन में मौजूद किन प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग का लड़ना ज़रूरी है? – (नौवीं किश्त) / शिवानी
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्त आप सदस्यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं।
मनीऑर्डर के लिए पताः
मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना,
डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020
बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul
खाता संख्याः 0762002109003787,
IFSC: PUNB0185400
पंजाब नेशनल बैंक,
निशातगंज शाखा,
लखनऊ
आर्थिक सहयोग भी करें!
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्यता के अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी करें।
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन
Related Images:
Comments
comments