गहराते जन-असन्तोष से निपटने के लिए दमनतन्त्र को मज़बूत बनाने में जुटे हैं लुटेरे शासक वर्ग
यह अघोषित आपातकाल की आहट है। यह निरंकुश दमनतन्त्र संगठित करने की सुनियोजित कार्ययोजना का पहला चरण है। मेहनतकश जनसमुदाय को और नागरिक आज़ादी एवं जनवादी अधिकारों की हिफ़ाज़त के लिए संकल्पबद्ध बुद्धिजीवियों को एकजुट होकर उसके विरुद्ध आवाज़ उठानी होगी। शासक वर्ग ने भविष्य के मद्देनज़र अपनी तैयारियाँ तेज़ कर दी है। मेहनतकश जनसमुदाय की हरावल पाँतों को भी अपनी तैयारियाँ तेज़ कर देनी होंगी।